आईपीएल 2025 का 18वां सीजन चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए अब तक एक बुरे सपने जैसा साबित हो रहा है। पांच बार की चैंपियन रह चुकी टीम ने इस सीजन में अब तक कुल पांच मुकाबले खेले हैं, जिनमें से उसे सिर्फ एक में ही जीत नसीब हुई है। बाकी चार मुकाबलों में टीम को हार का सामना करना पड़ा है – और ताज़ा झटका पंजाब किंग्स ने 18 रन से जीत दर्ज कर दिया।
पंजाब की दमदार वापसी, चेन्नई की चौथी हार मुल्लांपुर में खेले गए इस हाई-स्कोरिंग मुकाबले में पंजाब किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में छह विकेट के नुकसान पर 219 रन बनाए। जवाब में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम निर्धारित 20 ओवरों में सिर्फ 201 रन ही बना सकी और मुकाबला 18 रन से गंवा बैठी। इस जीत के साथ पंजाब ने आईपीएल अंक तालिका में शीर्ष चार में जगह बना ली है, जबकि चेन्नई नीचे खिसकती जा रही है।
इतिहास दोहराया: फिर लगातार चार हार यह आईपीएल इतिहास में चौथी बार है जब चेन्नई सुपर किंग्स ने किसी एक सीजन में लगातार चार मुकाबले गंवाए हैं। इससे पहले ये हालात 2010, 2022 और 2022-23 सीजन में भी सामने आए थे:
2010: पंजाब, आरसीबी, मुंबई और राजस्थान से हार
2022: केकेआर, लखनऊ, पंजाब और हैदराबाद से मात
2022-23: अंतिम तीन मैच हारे और 2023 के पहले मुकाबले में भी हार
2025: आरसीबी, गुजरात, दिल्ली और अब पंजाब से शिकस्त
पंजाब बना चेन्नई का काल अगर बात की जाए 2022 के बाद से अब तक की, तो चेन्नई सुपर किंग्स को सबसे ज्यादा बार हराने वाली टीम पंजाब किंग्स ही है। पंजाब ने पिछले तीन सालों में सीएसके को पांच बार हराया है, जबकि राजस्थान रॉयल्स और गुजरात टाइटंस ने चार-चार बार शिकस्त दी है। लखनऊ सुपर जाएंट्स और आरसीबी ने तीन-तीन बार हराया है।
कॉन्वे की क्लास, लेकिन अकेले क्या करते? हालांकि चेन्नई के लिए इस मुकाबले में एक बड़ी सकारात्मक बात डेवोन कॉनवे की अर्धशतकीय पारी रही। उन्होंने 69 रन बनाए और तीसरे विकेट के लिए शिवम दुबे के साथ मिलकर 89 रन की साझेदारी की। कॉनवे ने महज 37 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके साथ ही उन्होंने आईपीएल में 1000 रन का आंकड़ा भी पार कर लिया और ऐसा करने वाले सबसे तेज़ तीसरे बल्लेबाज बन गए। उन्होंने यह कारनामा सिर्फ 24 पारियों में कर दिखाया और साई सुदर्शन व मैथ्यू हेडन को पीछे छोड़ा।
नज़रिए की बात: क्या धोनी की कप्तानी वापसी दिलाएगी नई जान? चेन्नई की इस गिरती फॉर्म को देखकर सवाल उठने लगे हैं कि क्या टीम को फिर से महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में लौटना चाहिए? क्योंकि रुतुराज गायकवाड़ के नेतृत्व में टीम जूझती दिख रही है। खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी असंतुलित रहा है – न गेंदबाज़ी में धार है, न बल्लेबाज़ी में स्थिरता।
आईपीएल का सफर लंबा होता है, लेकिन अगर चेन्नई सुपर किंग्स को प्लेऑफ की दौड़ में बने रहना है, तो उसे जल्द ही जीत की राह पकड़नी होगी। वरना इस बार की ट्रॉफी की उम्मीदें भी धुंधली होती जाएंगी।
Discussion about this post