दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2.0 ने राजधानी के परिवहन क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस नीति का लक्ष्य 2027 तक दिल्ली में 95% नए वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाना है, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा दिया जा सके।
सीएनजी वाहनों की विदाई और ईवी अपनाने की योजना
नई नीति के तहत सभी सीएनजी ऑटो-रिक्शा, टैक्सियों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किया जाएगा। यह निर्णय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है। दिल्ली सरकार की यह पॉलिसी आगामी 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है, जिसके बाद धीरे-धीरे सीएनजी वाहनों की संख्या कम होती जाएगी।
परिवहन मंत्री की समीक्षा बैठक
दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज कुमार सिंह ने हाल ही में ईवी नीति को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को राजधानी में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को तेजी से बढ़ाने और सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक बसों में बदलने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
ईवी को अपनाने के लिए सरकार का समर्थन
नई ईवी नीति के तहत सरकार इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, ई-लाइट कमर्शियल वाहनों (ई-एलसीवी) और ई-ट्रकों की खरीद पर सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए सरकार द्वारा एक विशेष स्टेट ईवी फंड बनाया जाएगा, जिसे ग्रीन लेवी, प्रदूषण सेस और एग्रीगेटर लाइसेंस शुल्क के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा।
प्रदूषण में कमी और ई-बसों का बढ़ता चलन
नई नीति के कार्यान्वयन से दिल्ली में पेट्रोल और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम होगी, जिससे वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी। सरकार प्राथमिकता के आधार पर सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने जा रही है, जिससे पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर और चार्जिंग सुविधाओं का विस्तार
ईवी नीति को सफल बनाने के लिए दिल्ली सरकार चार्जिंग स्टेशन की संख्या में बढ़ोतरी करने जा रही है। इसके अलावा, कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) के सहयोग से ईवी मैकेनिक और ड्राइवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
दिल्ली सरकार की ईवी नीति 2.0 शहर में परिवहन प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार है। यह नीति केवल एक पर्यावरण हितैषी कदम नहीं है, बल्कि यह दिल्ली को स्मार्ट और टिकाऊ शहर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगी। जैसे-जैसे यह नीति लागू होगी, राजधानी के लोग एक हरित और स्वच्छ भविष्य की ओर बढ़ते दिखेंगे।
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