3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में वन्यजीव बचाव, पुनर्वास और संरक्षण केंद्र, ‘वंतारा’ का उद्घाटन किया। इस केंद्र का उद्देश्य वन्यजीवों को बचाना, पुनर्वासित करना और उनके संरक्षण को सुनिश्चित करना है। वंतारा 2,000 से अधिक प्रजातियों और 1.5 लाख से अधिक बचाए गए जानवरों का सुरक्षित आश्रय स्थल है। प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के दौरान इस केंद्र का दौरा किया और वन्यजीवों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की।
वन्यजीवों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं
वंतारा केंद्र में विश्वस्तरीय पशु चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यहां वन्यजीव अस्पताल की स्थापना की गई है, जहां एमआरआई, सीटी स्कैन, आईसीयू सहित कई अत्याधुनिक उपचार सुविधाएं मौजूद हैं। अस्पताल में वन्यजीव एनेस्थीसिया, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, एंडोस्कोपी और डेंटिस्ट्री जैसी चिकित्सा सेवाएं भी दी जाती हैं। पीएम मोदी ने अस्पताल में एमआरआई रूम का भी दौरा किया और एक एशियाई शेर का एमआरआई होते हुए देखा।
वन्यजीवों के पुनर्वास और संरक्षण के प्रयास
वंतारा केंद्र में दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। भारत में कैराकल की संख्या में गिरावट को देखते हुए, इस केंद्र में उनके लिए विशेष प्रजनन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कैराकल को यहां सुरक्षित रूप से पालकर पुनः जंगल में छोड़ा जाता है, जिससे उनकी आबादी को संरक्षित किया जा सके।
प्रधानमंत्री की वन्यजीवों से निकटता
पीएम मोदी ने वंतारा में विभिन्न वन्यजीवों से मुलाकात की और उनके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों का जायजा लिया। उन्होंने सफेद शेर के एक शावक को दूध पिलाया, जिसकी मां को पहले बचाया गया था और इस केंद्र में पुनर्वासित किया गया था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री गोल्डन टाइगर, स्नो टाइगर्स, सफेद शेर और हिम तेंदुए के काफी करीब गए और उन्हें देखा। उन्होंने ओकापी को सहलाया, खुले में चिंपैंजी से मुलाकात की, दरियाई घोड़े को पानी के नीचे तैरते हुए देखा और मगरमच्छों का भी निरीक्षण किया।
अनोखे वन्यजीवों का अवलोकन
प्रधानमंत्री ने वंतारा में दुर्लभ और अनोखे जीवों को देखा, जिसमें दो सिर वाला सांप, बड़ा अजगर, जेब्रा, जिराफ और गैंडे के बच्चे शामिल थे। उन्होंने हाथियों को उनके विशेष रूप से बनाए गए जकूज़ी में स्नान करते हुए भी देखा। वंतारा में विश्व का सबसे बड़ा हाथी अस्पताल भी स्थापित किया गया है, जहां हाथियों की विशेष देखभाल की जाती है।
वन्यजीवों की आज़ादी और पुनर्वास
पीएम मोदी ने इस केंद्र में बचाए गए तोतों को आज़ाद कर उनके पुनर्वास की प्रक्रिया को भी सराहा। उन्होंने डॉक्टरों, सहायक कर्मचारियों और श्रमिकों से बातचीत कर उनके प्रयासों की प्रशंसा की और वन्यजीव संरक्षण के महत्व पर जोर दिया।
वंतारा वन्यजीव बचाव और पुनर्वास केंद्र भारत में वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। इस केंद्र के माध्यम से न केवल लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने का कार्य किया जा रहा है, बल्कि उनके पुनर्वास और प्राकृतिक आवास में वापस भेजने की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस केंद्र का उद्घाटन वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह आने वाले वर्षों में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में नए आयाम स्थापित करेगा।
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