तेलंगाना सुरंग हादसा: आठ दिनों बाद भी फंसे 8 मजदूर, बचाव अभियान जारी

तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में 22 फरवरी को हुए भीषण हादसे के आठ दिन बाद भी श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे आठ मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। हादसे के बाद से ही राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन अब तक मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता नहीं मिल सकी है।
रिश्तेदारों की बढ़ती बेचैनी
फंसे मजदूरों के परिजनों की चिंता लगातार बढ़ रही है। उन्हें अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी का बेसब्री से इंतजार है। गुरप्रीत सिंह के एक रिश्तेदार ने दावा किया कि बचाव अभियान से जुड़ी कोई जानकारी उन्हें नहीं मिल रही है। एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि उन्हें सुरंग के अंदर जाने की अनुमति दी जाए, लेकिन यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया।
बचाव अभियान में आई चुनौतियाँ
अधिकारियों का कहना है कि बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। सेना की मेडिकल टीमें भी तैनात की गई हैं, लेकिन सुरंग में पानी और कीचड़ की अधिकता के कारण ऑपरेशन में कठिनाइयाँ आ रही हैं। राहत कर्मी लगातार गाद को बाहर निकालने में जुटे हुए हैं।
नगरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गायकवाड़ वैभव रघुनाथ ने बताया कि सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी के विशेषज्ञों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), भारतीय सेना और अन्य एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से बचाव अभियान जारी है।
बचाव अभियान में जुटे सैकड़ों कर्मी
बचाव दल के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभ में 20 कर्मियों को तैनात किया गया था, लेकिन अब इस संख्या को बढ़ाकर 200 कर दिया गया है। सिंगरेनी के खनन विशेषज्ञों को भूमिगत और आपातकालीन परिस्थितियों में काम करने का व्यापक अनुभव है, और वे चट्टानों को काटने में भी कुशल हैं।
कांग्रेस विधायक डॉ. चिक्कुडु वामशी ने कहा कि बचाव अभियान में कुल 12 विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। सिंगरेनी खदानों के अनुभवी कर्मचारी इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
कैसे हुआ यह हादसा?
22 फरवरी की सुबह नगरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग का तीन मीटर लंबा हिस्सा अचानक ढह गया था। यह दुर्घटना सुरंग के भीतर लगभग 14 किमी अंदर हुई थी। हादसे के समय कुल 50 मजदूर वहां काम कर रहे थे, जिनमें से 42 मजदूर किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन 8 मजदूर अंदर ही फंस गए।
बचाव कार्यों में तेजी की उम्मीद
अधिकारियों का कहना है कि लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही राहत कार्यों में सफलता मिल सकती है। कीचड़ को तेजी से हटाने का काम किया जा रहा है और सभी संयुक्त टीमें दिन-रात राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। पूरे देश की नजरें इस बचाव अभियान पर टिकी हैं और हर कोई प्रार्थना कर रहा है कि फंसे हुए मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
तेलंगाना सुरंग हादसा न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। प्रशासन और बचाव दल के कर्मी हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब भी मजदूरों को सुरक्षित निकालने की राह आसान नहीं दिख रही है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में यह अभियान सफल होगा और सभी मजदूर सुरक्षित अपने परिवारों के पास लौट सकेंगे।
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