उत्तराखंड के चमोली जिले में बड़ा हिमस्खलन: 55 मजदूर फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड के चमोली जिले में 28 फरवरी की सुबह 7:15 बजे एक बड़ा हिमस्खलन (एवलांच) हुआ, जिसमें बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के 55 मजदूर फंस गए। अब तक 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 8 मजदूरों की तलाश जारी है। राहत और बचाव कार्य में सेना, आईटीबीपी (ITBP), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और BRO की टीमों के 200 से अधिक जवान जुटे हुए हैं।
घटना स्थल और बचाव अभियान की चुनौती
यह घटना बद्रीनाथ से मात्र 3 किलोमीटर दूर माणा गांव में हुई, जहां बर्फबारी के कारण मौसम बेहद प्रतिकूल बना हुआ है। चमोली-बद्रीनाथ हाईवे पर BRO के 57 मजदूर कार्यरत थे। इन मजदूरों में 11 बिहार, 11 उत्तर प्रदेश, 11 उत्तराखंड, 7 हिमाचल प्रदेश, 1 जम्मू-कश्मीर और 1 पंजाब के थे। घटना के समय सभी मजदूर कंटेनर हाउस में ठहरे हुए थे, जब अचानक पहाड़ से भारी बर्फ का एक बड़ा हिस्सा नीचे आ गिरा, जिससे कई मजदूर बर्फ के नीचे दब गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां
रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत सेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर स्टैंडबाय पर रखा गया है, लेकिन खराब मौसम के चलते एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। गंभीर रूप से घायल तीन मजदूरों को जोशीमठ भेजा गया है, जहां प्राथमिक उपचार के बाद आगे की चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
शनिवार को ऑपरेशन के दूसरे दिन भी बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी रहा। बचाव दलों ने भारी बर्फबारी के बावजूद अपने प्रयासों को तेज किया और 14 और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। रेस्क्यू अभियान के लिए 4 हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं, जबकि भारतीय वायुसेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर स्टैंडबाय पर है। जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, यह हेलिकॉप्टर भी सहायता के लिए पहुंच सकेगा।
प्रशासन की तत्परता और मुख्यमंत्री की समीक्षा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना के तुरंत बाद अधिकारियों से जानकारी ली और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बचाव कार्य में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए और मजदूरों को हरसंभव मदद पहुंचाई जाए।
जोशीमठ में मौसम साफ होने के बाद राहत एवं बचाव कार्यों को और तेज कर दिया गया है। मुख्यमंत्री आज स्वयं घटनास्थल का दौरा करने वाले हैं ताकि मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले सकें और आवश्यक निर्देश दे सकें।
चमोली जिले के माणा गांव में हुआ यह हिमस्खलन एक बड़ी प्राकृतिक आपदा है, जिसने कई लोगों की जान जोखिम में डाल दी। बचाव कर्मियों की मुस्तैदी और सरकार की तत्परता से अब तक 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि 8 अन्य की तलाश जारी है। अत्यधिक प्रतिकूल मौसम के बावजूद राहत एवं बचाव कार्य जारी है और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इस घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ है कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के दौरान प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए विशेष सावधानियों की आवश्यकता है।
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