शशि थरूर की एफटीए वार्ता पर टिप्पणी से मचा सियासी घमासान

वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार एवं व्यापार राज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ एक सेल्फी साझा की और भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता के पुनरुद्धार को स्वागत योग्य बताया।
थरूर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “ब्रिटेन के व्यापार एवं व्यापार राज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स से मुलाकात करके अच्छा लगा, जिसमें उनके भारतीय समकक्ष, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे। लंबे समय से रुकी हुई एफटीए वार्ता फिर से शुरू हो गई है, जो बेहद सकारात्मक कदम है।”
राजनीतिक हलकों में हलचल
थरूर की इस पोस्ट ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह ऐसे समय आई है जब हाल ही में प्रकाशित उनके एक लेख को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस लेख में उन्होंने केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के तहत उद्यमशीलता के विकास की चर्चा की थी, जिसे कुछ कांग्रेस नेताओं ने पार्टी लाइन के खिलाफ माना और उनकी आलोचना की।
एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित इस लेख में थरूर ने केरल में स्टार्टअप और व्यापारिक माहौल के विकास को लेकर सकारात्मक टिप्पणियां की थीं। इस पर कांग्रेस के भीतर ही मतभेद उभरकर सामने आ गए। जहां माकपा ने थरूर की टिप्पणी का स्वागत किया, वहीं कांग्रेस के कई नेताओं ने इसे अस्वीकार्य बताया।
भाजपा का हमला और कांग्रेस में आंतरिक राजनीति
भाजपा ने इस पूरे विवाद को कांग्रेस की आंतरिक राजनीति से जोड़ते हुए तंज कसा। भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि शशि थरूर को कांग्रेस में ‘हाशिए पर’ डाल दिया गया है, क्योंकि उन्होंने गांधी परिवार के नामांकित मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। मालवीय ने कांग्रेस को ‘गांधी परिवार की स्वामित्व वाली फर्म’ करार देते हुए कहा कि पार्टी में स्वतंत्र विचारों को दबाने की प्रवृत्ति है।
थरूर का स्पष्टीकरण
इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने केरल में माकपा नीत सरकार की प्रशंसा नहीं की, बल्कि राज्य के स्टार्टअप क्षेत्र में हुई प्रगति को रेखांकित किया था। उन्होंने कहा, “मैंने सरकार की नीतियों पर कोई व्यक्तिगत समर्थन नहीं दिया, बल्कि राज्य में उद्योग और नवाचार की दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना की।”
एफटीए वार्ता का महत्व
भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से रुकी एफटीए वार्ता के पुनरारंभ से व्यापारिक जगत में सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलने की संभावना है। एफटीए से भारत के निर्यातकों को लाभ मिलेगा और विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर खुलेंगे।
शशि थरूर की एफटीए वार्ता पर टिप्पणी और केरल की उद्यमशीलता नीति पर लेख ने एक बार फिर कांग्रेस के अंदर मतभेदों को उजागर कर दिया है। यह विवाद दर्शाता है कि पार्टी के भीतर स्वतंत्र विचारों को लेकर असहजता बनी हुई है। वहीं, भाजपा इसे कांग्रेस की अंदरूनी कलह के रूप में भुना रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि शशि थरूर आने वाले दिनों में पार्टी के भीतर अपनी स्थिति को कैसे मजबूत करते हैं और कांग्रेस इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।
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