डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला: वायुसेना जनरल सीक्यू ब्राउन को हटाया

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से पद संभाला है, तब से वह लगातार सख्त और कड़े फैसले लेते आ रहे हैं। कभी थर्ड जेंडर को खत्म करने की बात हो या फिर मैक्सिको सीमा पर इमरजेंसी घोषित करने का निर्णय, ट्रंप हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। इसी कड़ी में अब उन्होंने एक और बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका के वायुसेना जनरल सीक्यू ब्राउन को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन पद से हटा दिया।
इतिहास रचने वाले फाइटर पायलट को हटाया
जनरल सीक्यू ब्राउन अमेरिकी सेना में एक प्रतिष्ठित अधिकारी रहे हैं, जिन्होंने अपनी काबिलियत और बहादुरी के बल पर इतिहास रचा। वे इस पद पर सेवा देने वाले दूसरे अश्वेत जनरल थे, और उनकी नियुक्ति को सेना में विविधता और समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया था।
ब्राउन ने अपने कार्यकाल के दौरान 16 महीने यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व के संघर्षों में बिताए। उनके हटाए जाने से पेंटागन में हड़कंप मच गया है और पूरे देश में विरोध होने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप सेना में विविधता और समानता का समर्थन करने वाले अधिकारियों को लगातार निशाना बना रहे हैं।
डैन कैन होंगे नए अध्यक्ष
ट्रंप ने वायुसेना के लेफ्टिनेंट जनरल डैन “राजिन” कैन को नए ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन के रूप में नामित किया है। कैन एक अनुभवी एफ-16 लड़ाकू पायलट हैं, जिन्होंने सक्रिय ड्यूटी और नेशनल गार्ड में कार्य किया है। इसके अलावा, वे हाल ही में सीआईए में सैन्य मामलों के एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में भी कार्यरत थे।
ब्राउन की सेवाओं को किया नजरअंदाज
ब्राउन एक शांत लेकिन दृढ़ नेतृत्वकर्ता माने जाते हैं, जिन्होंने संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके पास 3000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है और वे सभी स्तरों पर कमांड करने की क्षमता रखते हैं।
उनकी अध्यक्षता में अमेरिकी सेना को मध्य पूर्व में दो दशकों तक चले युद्धों से बाहर निकालने और चीन के साथ संभावित संघर्ष की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया था। ब्राउन ने ट्रंप के अवैध आव्रजन के खिलाफ लिए गए कार्यकारी आदेश को लागू करने के लिए यूएस-मैक्सिको सीमा पर भी कई दिन बिताए थे।
राजनीतिक और सैन्य हलकों में हलचल
ब्राउन को हटाने के फैसले ने कांग्रेस और सैन्य अधिकारियों के बीच हलचल मचा दी है। कई सांसद और सैन्य विश्लेषक इस कदम को लेकर ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि दिसंबर के मध्य में एक फुटबॉल खेल के दौरान ट्रंप और ब्राउन एक-दूसरे के बगल में बैठे थे, और उनके बीच दोस्ताना बातचीत भी हुई थी। इसके बावजूद, ट्रंप ने उन्हें पद से हटा दिया।
ट्रंप के कड़े फैसले और भविष्य की रणनीति
ट्रंप की नीतियां हमेशा से कठोर और विवादित रही हैं। अब जब वे फिर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं, तो उनके ये फैसले भविष्य की अमेरिकी सेना और प्रशासनिक नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं। ब्राउन की बर्खास्तगी ने यह साफ कर दिया है कि ट्रंप अपनी विचारधारा के विपरीत जाने वाले अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अब देखना होगा कि ट्रंप के इस निर्णय का अमेरिका की सेना और राजनीतिक गलियारों पर क्या असर पड़ता है। क्या यह कदम उनकी सत्ता में वापसी की रणनीति का हिस्सा है, या फिर यह केवल एक प्रशासनिक फेरबदल भर है—यह आने वाला समय बताएगा।
Exit mobile version