काश पटेल बने एफबीआई के नए निदेशक, भगवद गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) को उसका नया नेतृत्व मिल गया है। भारतीय मूल के काश पटेल ने शनिवार को वाशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस कैंपस में आइजनहावर कार्यकारी कार्यालय भवन (ईईओबी) में आयोजित समारोह में एफबीआई निदेशक पद की शपथ ली। उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर पदभार ग्रहण किया और अमेरिका में भारतीय मूल के नागरिकों के लिए एक नया इतिहास रच दिया।
अमेरिकी सपने को जी रहे हैं काश पटेल
शपथ ग्रहण समारोह में काश पटेल ने कहा, “मैं अमेरिकी सपने को जी रहा हूं। जो कोई भी यह सोचता है कि अमेरिकी सपना समाप्त हो गया है, वह यहां आकर देखे।” उन्होंने अपने भारतीय मूल का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल अमेरिका में ही संभव है कि एक पहली पीढ़ी का भारतीय यहां की सबसे बड़ी कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व कर सकता है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि एफबीआई में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी, जिससे संस्था की साख और कार्यकुशलता को और मजबूती मिलेगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने जताया भरोसा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल की नियुक्ति पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मैंने एफबीआई की जिम्मेदारी काश को देने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि एजेंसी के एजेंटों के मन में उनके लिए सम्मान है। वह अब तक के सर्वश्रेष्ठ निदेशक साबित होंगे। उन्हें सीनेट से मंजूरी मिलना आसान रहा, क्योंकि वे एक सख्त और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति हैं।”
सीनेट में मामूली अंतर से मिली मंजूरी
गुरुवार को अमेरिकी सीनेट ने काश पटेल के नाम पर मुहर लगाई। 51-49 के मामूली अंतर से हुए मतदान में उन्हें बहुमत प्राप्त हुआ। हालांकि, डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सदस्यों ने उनकी योग्यता पर सवाल उठाए। उनका आरोप है कि काश पटेल राष्ट्रपति ट्रंप के इशारों पर काम कर सकते हैं और रिपब्लिकन विरोधियों के खिलाफ पक्षपाती रवैया अपना सकते हैं।
सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ सदस्य डिक डर्बिन ने कहा, “मैं इससे भी बुरे विकल्प की कल्पना नहीं कर सकता।” वहीं, रिपब्लिकन पार्टी की कुछ सदस्यों, जैसे कि मेन की सीनेटर सुसान कोलिन्स और अलास्का की लिसा मुर्कोव्स्की ने भी पटेल की नियुक्ति का विरोध किया।
एफबीआई में जवाबदेही लाने का वादा
सीनेट न्यायपालिका समिति के अध्यक्ष चक ग्रासली ने पटेल की नियुक्ति का समर्थन करते हुए कहा कि वह एफबीआई को फिर से जवाबदेह बनाएंगे और उसकी ऐतिहासिक प्रतिष्ठा को बहाल करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पटेल एफबीआई को कांग्रेस, राष्ट्रपति और सबसे महत्वपूर्ण—अमेरिकी नागरिकों के प्रति जवाबदेह बनाना चाहते हैं।
विवादों में भी रहे काश पटेल
जहां एक ओर काश पटेल की नियुक्ति को लेकर रिपब्लिकन पार्टी में उत्साह है, वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं ने उनके प्रबंधन कौशल और पूर्व में दिए गए विवादित बयानों को लेकर चिंता जाहिर की है। कुछ नेताओं ने कहा कि एफबीआई के निदेशक पद पर नियुक्त व्यक्ति को निष्पक्ष होना चाहिए, और पटेल के कुछ बयान उनकी इस भूमिका के लिए अनुकूल नहीं लगते।
भारतीय मूल के लिए गर्व का क्षण
काश पटेल की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से भारतीय मूल के नागरिकों में गर्व और उत्साह का माहौल है। वह पहले ऐसे भारतीय-अमेरिकी हैं, जिन्होंने अमेरिका की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने का गौरव प्राप्त किया है। उनकी यह उपलब्धि अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के बढ़ते प्रभाव और उनकी मेहनत का प्रतीक मानी जा रही है।
नए एफबीआई निदेशक से क्या उम्मीदें?
अब जब काश पटेल एफबीआई के नए निदेशक बन चुके हैं, तो उनसे उम्मीद की जा रही है कि वह एजेंसी की निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को और मजबूत करेंगे। साथ ही, उनकी नियुक्ति से भारतीय मूल के युवाओं के लिए भी यह संदेश गया है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
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