प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ में लगाई आस्था की डुबकी, किया गंगा पूजन

प्रयागराज:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचे, जहां उन्होंने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री ने गंगा पूजन कर देशवासियों की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की। प्रधानमंत्री का यह दौरा करीब दो घंटे का रहा, जिसमें उन्होंने संगम तट पर पूजा-अर्चना के साथ-साथ महाकुंभ की व्यवस्थाओं की समीक्षा भी की।
शुभ तिथि का विशेष महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने माघ मास की अष्टमी तिथि को संगम स्नान के लिए चुना। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह दिन गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन तप, ध्यान और स्नान करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। यह दिन भीष्माष्टमी के रूप में भी प्रसिद्ध है, जिस दिन महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर श्रीकृष्ण की उपस्थिति में अपने प्राण त्यागे थे और मोक्ष को प्राप्त हुए थे। इस अवसर पर संगम में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।
महाकुंभ में विशेष तैयारियां
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को ध्यान में रखते हुए संगम क्षेत्र और प्रयागराज की सड़कों पर विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किया गया। उनकी यात्रा के दौरान प्रयागराज एयरपोर्ट से लेकर संगम तट तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं प्रधानमंत्री का स्वागत किया और उनके साथ महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री का पूरा कार्यक्रम
सुबह लगभग 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।
10:45 बजे पीएम मोदी अरेल घाट पहुंचे और विशेष रूप से तैयार बोट से संगम स्नान के लिए रवाना हुए।
11 बजे प्रधानमंत्री ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई और पवित्र संगम आरती में भाग लिया।
इसके बाद उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और अधिकारियों के साथ चर्चा की।
12:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायुसेना के विशेष विमान से प्रयागराज से वापस लौट गए।
महाकुंभ 2025: विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन
महाकुंभ 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन हुआ और यह 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि तक चलेगा। इसे दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन माना जाता है, जो लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। पीएमओ ने इस आयोजन को भारतीय आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर देशभर के तीर्थ स्थलों के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
गंगा आरती से पहले किया था कुंभ की सफलता का संकल्प
महाकुंभ के आयोजन से पहले ही प्रधानमंत्री ने इसकी सफलता के लिए गंगा पूजन और आरती की थी। 13 दिसंबर 2024 को संगम तट पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस महायोजना के सफल संपन्न होने की मंगलकामना की थी। इसके अलावा, उन्होंने प्रयागराज में विकास कार्यों को भी गति दी थी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने 5,500 करोड़ रुपये की लागत से 167 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री मोदी लगातार भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए कदम उठा रहे हैं। उनकी सरकार ने धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण, सुविधाओं के विस्तार और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया है। महाकुंभ 2025 को भव्य बनाने के लिए सरकार द्वारा बड़े स्तर पर तैयारियां की गई हैं।
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