महाकुंभ 2025: बसंत पंचमी के दिन तीसरे अमृत स्नान का विशेष महत्व
ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने से पहले साधु-संतों के स्नान का अनुसरण करना चाहिए। इसके बाद तट से दूर पवित्र जल से शरीर को शुद्ध किया जाता है, जिसे मलापकर्षण स्नान कहा जाता है। स्नान के बाद विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है:
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