दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ‘आप’ में इस्तीफों की झड़ी, सात विधायकों ने दिया इस्तीफा

दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग से महज पांच दिन पहले आम आदमी पार्टी (आप) को जबरदस्त झटका लगा है। शुक्रवार, 31 जनवरी को पार्टी के सात विधायकों ने इस्तीफा देकर राजनीतिक हलचल मचा दी। यह सभी वे विधायक हैं जिनका इस बार पार्टी ने टिकट काट दिया था, जिससे वे बेहद नाराज थे।
इस्तीफा देने वाले विधायक
भावना गौड़ (पालम)
नरेश यादव (महरौली)
राजेश ऋषि (जनकपुरी)
मदन लाल (कस्तूरबा नगर)
रोहित महरौलिया (त्रिलोकपुरी)
बी एस जून (बिजवासन)
पवन शर्मा (आदर्श नगर)
विधायकों ने लगाए गंभीर आरोप
इस्तीफा देने वाले विधायकों ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महरौली से विधायक नरेश यादव ने अपनी इस्तीफे की चिट्ठी में लिखा, “मैंने आम आदमी पार्टी ईमानदारी की राजनीति के लिए ज्वाइन की थी, लेकिन आज कहीं भी ईमानदारी नजर नहीं आ रही है। दिल्ली की जनता जानती है कि आप भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है।”
जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि ने लिखा, “अन्ना आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी, जो भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली बनाने के उद्देश्य से बनाई गई थी, अब खुद भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है। मैं बड़े दुखी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।”
पालम से विधायक भावना गौड़ ने केजरीवाल को संबोधित करते हुए लिखा, “मेरा आप और पार्टी से भरोसा पूरी तरह खत्म हो चुका है। मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूं।”
रोहित कुमार का तीखा हमला
त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित कुमार ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “आपकी बातों पर भरोसा करके मेरे समाज ने आपको एकतरफा समर्थन दिया, जिसके कारण तीन बार दिल्ली में आपकी सरकार बनी। बावजूद इसके, न तो ठेकेदारी प्रथा बंद हुई और न ही 20-20 साल से ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी किया गया। राजनीतिक महात्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मेरे समाज को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया।”
मदन लाल और अन्य विधायकों की नाराजगी
कस्तूरबा नगर से विधायक मदन लाल ने विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल को पत्र लिखकर कहा, “मैंने दिल्ली विधानसभा की सदस्यता त्यागने का निर्णय लिया है। मेरे कार्यकाल के दौरान मिले सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त करता हूं।”
बीएस जून, पवन शर्मा और अन्य विधायकों ने भी आम आदमी पार्टी पर वादाखिलाफी और आंतरिक लोकतंत्र की कमी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने टिकट वितरण में निष्पक्षता नहीं बरती और अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है।
दिल्ली चुनाव पर असर
इन इस्तीफों से आम आदमी पार्टी की छवि को गहरा आघात पहुंचा है। चुनाव से पहले पार्टी के अंदर इस तरह की बगावत से कार्यकर्ताओं और समर्थकों में असमंजस की स्थिति बन गई है। वहीं, विरोधी दल इस घटनाक्रम को अपने पक्ष में भुनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
क्या कह रही है ‘आप’ नेतृत्व?
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ताओं ने इन इस्तीफों को लेकर बयान दिया कि यह सभी विधायक टिकट कटने से नाराज थे और इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। पार्टी का कहना है कि इससे चुनावों पर अधिक असर नहीं पड़ेगा और जनता आम आदमी पार्टी के साथ है।
राजनीति में नया मोड़
विश्लेषकों के अनुसार, इन इस्तीफों से दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस्तीफा देने वाले विधायक किसी अन्य पार्टी में शामिल होते हैं या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं।
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