अंतरिक्ष में नया इतिहास: सुनीता विलियम्स ने किया 9वां स्पेसवॉक, ISS से जल्द होगी वापसी

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने एक बार फिर अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है। उन्होंने गुरुवार शाम भारतीय समयानुसार 6:30 बजे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से स्पेसवॉक शुरू किया। इस दौरान उनके साथ एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर भी मौजूद थे। यह स्पेसवॉक करीब 5.5 घंटे तक चला, जिसमें दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने आईएसएस के बाहरी हिस्से को साफ करने के साथ-साथ सूक्ष्मजीवों के नमूने भी एकत्र किए। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या सूक्ष्मजीव अंतरिक्ष में जीवित रह सकते हैं और कितनी दूर तक यात्रा कर सकते हैं।
सुनीता विलियम्स ने बनाया नया रिकॉर्ड
नासा ने घोषणा की है कि इस स्पेसवॉक के साथ ही सुनीता विलियम्स का कुल स्पेसवॉक समय 62 घंटे, 6 मिनट हो गया है। इस उपलब्धि के साथ वह नासा की सर्वकालिक सूची में चौथे स्थान पर आ गई हैं।
यह सुनीता विलियम्स का 15 दिन के भीतर दूसरा स्पेसवॉक था। इससे पहले, उन्होंने 16 जनवरी को एस्ट्रोनॉट निक हेग के साथ 6.5 घंटे तक स्पेसवॉक किया था। अब तक वे 9 स्पेसवॉक कर चुकी हैं, जबकि बुच विल्मोर के लिए यह उनका 5वां स्पेसवॉक था।
स्पेसवॉक के प्रमुख कार्य
स्पेसवॉक के दौरान सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे किए, जिनमें शामिल हैं:
आईएसएस के बाहरी हिस्से की सफाई
सूक्ष्मजीव प्रयोग के लिए नमूने इकट्ठा करना
आईएसएस से टूटे हुए रेडियो फ्रीक्वेंसी एंटीना को हटाना
नासा के अनुसार, यदि सूक्ष्मजीव अंतरिक्ष में जीवित पाए जाते हैं, तो यह शोध में महत्वपूर्ण योगदान देगा कि वे कैसे पनपते हैं और क्या वे चंद्रमा व मंगल जैसे ग्रहों पर जीवित रह सकते हैं।
आईएसएस में फंसे अंतरिक्ष यात्री: नासा और स्पेसएक्स कर रहे वापसी की तैयारी
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जून 2024 में बोइंग के स्टारलाइनर से आईएसएस पहुंचे थे। यह मिशन केवल 8 दिनों का था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी में लगातार देरी हो रही है। नासा ने पहले कहा था कि स्पेसएक्स उन्हें फरवरी 2025 में वापस लाएगा, लेकिन नए अंतरिक्ष यान की तैयारी में देरी के चलते यह समय और बढ़ गया।
नासा और स्पेसएक्स मिलकर दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी के लिए काम कर रहे हैं। इसके साथ ही स्पेसएक्स क्रू-10 के लॉन्च की तैयारियां भी जोरों पर हैं। क्रू-10 को मार्च 2025 के अंत तक आईएसएस भेजे जाने की योजना है।
ट्रम्प के बयान के बाद आईएसएस से वापसी पर बढ़ी चर्चा
यह घटनाक्रम अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान के ठीक एक दिन बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्पेसएक्स जल्द ही दोनों अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने का मिशन शुरू करेगा।
क्या होगा आगे?
नासा ने पुष्टि की है कि क्रू-10 के आईएसएस पहुंचने के बाद ही स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौट सकेंगे। इस मिशन में सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, निक हेग और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोर्बुनोव शामिल हैं।
अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत का गौरव
सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की उन चुनिंदा अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं, जिन्होंने न केवल अंतरिक्ष में कई बार कदम रखा है, बल्कि कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए हैं। उनकी यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय मूल के वैज्ञानिकों के लिए गर्व का विषय है और भारत के युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
नासा और स्पेसएक्स की अगली रणनीति के तहत, अब पूरी कोशिश की जा रही है कि सुनीता विलियम्स और उनके साथी जल्द ही सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट सकें।
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