गाजा पट्टी में लंबे समय से जारी संघर्ष और युद्ध के बीच मानवता की एक झलक देखने को मिली। हमास और इजरायल के बीच हुए युद्धविराम समझौते के तहत शनिवार को 4 इजरायली महिला सैनिकों को रिहा किया गया। यह कदम कतर, मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता के बाद संभव हो पाया। इन सैनिकों की रिहाई ने इजरायल में राहत और खुशी का माहौल बना दिया है।
200 कैदियों के बदले 4 महिला सैनिकों की रिहाई हमास ने करीना एरीव, डेनिएला गिल्बोआ, नामा लेवी और लिरी अलबाग नाम की इन महिला सैनिकों को 200 फलस्तीनी कैदियों के बदले छोड़ा। ये सभी गाजा के किनारे एक निगरानी चौकी पर तैनात थीं, जब हमास के लड़ाकों ने उनका अपहरण कर लिया था।
रिहाई की प्रक्रिया गाजा में आयोजित एक सार्वजनिक मंच पर पूरी हुई, जहां दर्जनों हमास लड़ाकों के बीच इन सैनिकों को लाया गया। मंच के चारों ओर बड़ी संख्या में फलस्तीनी नागरिकों की भीड़ मौजूद थी। रिहाई के बाद इन महिला सैनिकों को रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने इजरायल की सेना के हवाले किया।
इजरायली परिवारों की खुशी चारों महिला सैनिकों की रिहाई की खबर से इजरायल में उत्सव जैसा माहौल है। सैनिक लिरी अलबाग के दोस्तों ने उसे “हीरो” बताते हुए कहा, “हमने उसे अपने पैरों पर खड़ा देखा और यह बहुत खास पल था।” डेनिएला गिल्बोआ के परिवार ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “उसे सुरक्षित देखकर हमारे आंसू थम नहीं रहे।”
समझौते की मुख्य शर्तें यह समझौता इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुए संघर्ष के बाद 15 महीने की लड़ाई के बाद हुआ। इस युद्धविराम के तहत हर एक बंधक के बदले लगभग 30 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा। इससे पहले हमास ने 3 अन्य बंधकों को रिहा किया था, जबकि इजरायल ने 90 फलस्तीनी कैदियों को छोड़ा। शनिवार को 200 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई की गई, जिनमें दर्जनों आतंकवादियों को भी शामिल किया गया।
युद्ध के अंत की ओर? यह कदम युद्ध की आग में घिरे क्षेत्र में मानवीय आधार पर शांति का संकेत दे रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता दोनों पक्षों के बीच एक नए संवाद का आरंभ हो सकता है।
हमास और इजरायल के बीच इस तरह की मानवीय पहल युद्ध के घावों पर मरहम लगाने का काम कर सकती है। 4 महिला सैनिकों की रिहाई ने जहां इजरायल में खुशी और राहत की लहर पैदा की है, वहीं यह दर्शाता है कि संवाद और समझौते से कठिन से कठिन समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। अब उम्मीद की जानी चाहिए कि इस पहल से दोनों पक्षों के बीच स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त होगा।
Discussion about this post