महाकुंभ 2025, एक बार फिर से भारतीय संस्कृति, आस्था और अध्यात्म का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया है। इस साल के महाकुंभ में जहां लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम पहुंचे हैं, वहीं प्रमुख नेता और अधिकारी भी इस धार्मिक महासंस्कार में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का महाकुंभ में स्नान करना और उनकी यात्रा, इस विशाल धार्मिक आयोजन की महत्ता को और भी बढ़ाती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पुण्य स्नान
महाकुंभ 2025 के बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। यह क्षण न केवल उनके लिए, बल्कि उनके समर्थकों और अनुयायियों के लिए भी अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता था। दोपहर 12 बजे वह प्रयागराज पहुंचे और रात्रि प्रवास के लिए सर्किट हाउस में ठहरे। यहां उन्होंने कई धार्मिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया। इस दौरान श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने रक्षा मंत्री का प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर गर्मजोशी से स्वागत किया।
कुंभ में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ का आलम यह है कि मकर संक्रांति के पहले अमृत स्नान के बाद भी आस्था की डुबकी लगाने वालों का उत्साह कम नहीं हुआ है। शुक्रवार को 29 लाख 10 हजार श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जिसमें 10 लाख कल्पवासी भी शामिल थे। यह स्नान श्रद्धालुओं के पुण्य के साथ-साथ उनकी आस्था को भी प्रगाढ़ करता है।
संगम, रामघाट, वीआईपी घाट, सेक्टर 17, 18 और 19 के गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगातार लगती रही। मेला प्रशासन के अनुसार, अब तक महाकुंभ के विभिन्न स्नान पर्वों में सात करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। खासकर, संगम पर मौसम साफ होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या और भी अधिक रही।
महाकुंभ में यातायात व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए पुलिस द्वारा रूट डायवर्जन लागू किया गया है। नैनी, बैरहना और संगम के आसपास के क्षेत्रों में विशेष रूट डायवर्ट किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। यह व्यवस्था महाकुंभ के सुचारु संचालन में अहम भूमिका निभा रही है, जिससे श्रद्धालु आसानी से विभिन्न घाटों तक पहुंच सके।
भक्ति और सेवा का अद्भुत संगम: मेहंदीपुर बालाजी सेवा शिविर
महाकुंभ में भक्ति और सेवा का संगम भी देखने को मिल रहा है। मेहंदीपुर बालाजी सेवा शिविर में महंत डॉ. नरेश पुरी के नेतृत्व में श्रद्धालुओं के लिए भंडारा, कंबल वितरण और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। यहां श्रद्धालुओं को धार्मिक लाभ के साथ-साथ ठंड से राहत देने के लिए कंबल भी वितरित किए जा रहे हैं।
प्रसिद्ध गायक चिंटू सेवक ने ‘तीर्थराज की महिमा अपरंपार’ और ‘रामजी चलें हनुमान के बिना’ जैसे भजनों की प्रस्तुति दी, जिससे श्रद्धालु भावविभोर हो गए। महंत नरेश पुरी ने कहा कि प्रयागराज भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का केंद्र है, और यहां आकर भजन-पूजन करने से हर व्यक्ति पुण्य अर्जित कर सकता है।
भव्य शिविर में हनुमानजी के नाम का जप भी चल रहा है, और वैदिक ब्राह्मण जनकल्याण के लिए अनुष्ठान में लीन हैं। भाजपा नेता सुबोध सिंह ने बताया कि यह शिविर न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि समाज सेवा का भी एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आस्था और सेवा का अद्भुत संगम भी है। इस महान अवसर पर लाखों लोग पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए संगम पहुंचे हैं, जबकि विशिष्ट लोग जैसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेता भी इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। इसके अलावा, मेहंदीपुर बालाजी सेवा शिविर जैसी सेवाएं समाज की भलाई और जनकल्याण के लिए समर्पित हैं।
महाकुंभ हर व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करता है, बल्कि यह जीवन में सेवा, त्याग और भक्ति की शक्ति को भी उजागर करता है। महाकुंभ 2025 का यह आयोजन न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि भारतीय समाज की एकता, सेवा और संस्कृति का जीवंत प्रमाण है।