आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या: बहुप्रतीक्षित फैसला आज

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में आज बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया जाएगा। इस मामले ने देशभर में भारी गुस्सा और आक्रोश पैदा किया था। सियालदह कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बन दास की अदालत ने इस केस पर सुनवाई 9 जनवरी को पूरी कर ली थी। अब शनिवार को अदालत अपना फैसला सुनाने जा रही है।
मामला: क्या हुआ था?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कोलकाता पुलिस के साथ बतौर नागरिक स्वयंसेवक काम करने वाले संजय रॉय को आरोपी बनाया गया। अगले ही दिन, 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
शुरुआत में इस जघन्य अपराध की जांच कोलकाता पुलिस ने की, लेकिन बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी गई। सीबीआई ने अदालत से आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की है।
50 गवाह, 57 दिन की सुनवाई
इस मामले की सुनवाई 12 नवंबर से शुरू हुई थी। 57 दिनों तक चली इस प्रक्रिया में अदालत ने 50 गवाहों से पूछताछ की। पीड़िता के माता-पिता ने अदालत में यह मांग भी की है कि मामले की और विस्तृत जांच की जाए, क्योंकि उनका शक है कि इस अपराध में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।
देशभर में गुस्सा और विरोध प्रदर्शन
इस जघन्य अपराध ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन, मार्च और रैलियों का आयोजन हुआ। आम नागरिकों, मेडिकल समुदाय और छात्रों ने न्याय की मांग को लेकर आंदोलन किया। इस मामले ने राजनीति को भी हवा दी, जहां विपक्षी पार्टियों भाजपा और माकपा ने इसे लेकर टीएमसी सरकार को घेरा। हालांकि, न्याय की मांग के लिए हुए गैर-राजनीतिक आंदोलन अधिक प्रभावी रहे।
राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन
इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने देशभर में डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) का गठन किया। एनटीएफ ने पिछले साल नवंबर में सर्वोच्च न्यायालय में एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की, जिसमें डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल सुझाए गए।
पीड़िता के परिवार की उम्मीदें
पीड़िता के परिवार ने अदालत से न्याय की गुहार लगाई है और आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है। उनकी यह भी मांग है कि इस अपराध में शामिल अन्य संभावित अपराधियों की पहचान के लिए जांच को और विस्तृत किया जाए।
अदालत का फैसला और संभावनाएं
सियालदह कोर्ट आज इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। सीबीआई ने आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की है। यदि अदालत इस मांग को स्वीकार करती है, तो यह देश के लिए एक मिसाल बनेगा और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक कड़ा संदेश जाएगा।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ हुआ यह अपराध सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज और मानवीय मूल्यों के खिलाफ था। आज का फैसला न केवल इस मामले के पीड़ित परिवार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में न्याय और कानून व्यवस्था में विश्वास को मजबूत करने का अवसर भी है।
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