दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल आज नामांकन के साथ और भी गरमा गया है। बुधवार को नामांकन प्रक्रिया के दौरान बड़े नेताओं की रैलियां और शक्ति प्रदर्शन चर्चा का केंद्र बन गए। इस दिन खास तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा के प्रमुख नेताओं ने अपने-अपने अंदाज में नामांकन प्रक्रिया को रोचक बना दिया।
अरविंद केजरीवाल का अनोखा दांव: महिलाओं के साथ नामांकन रैली आप संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज अपनी नामांकन रैली में महिलाओं को विशेष रूप से शामिल करेंगे। यह पहली बार है जब उनकी रैली में केवल महिलाएं हिस्सा लेंगी। माना जा रहा है कि यह कदम महिला मतदाताओं को साधने की रणनीति है।
पिछले चुनाव में उनकी नामांकन रैली इतनी बड़ी हो गई थी कि समय पर कार्यालय तक पहुंच पाना मुश्किल हो गया था। इसे लेकर कई लोग मानते हैं कि यह उनकी सोची-समझी रणनीति थी। इस बार भी उनकी रैली चर्चा में है और उनके अगले दिन नामांकन करने की संभावना जताई जा रही है।
आतिशी की नामांकन रैली: सोमवार को दिखाया दमखम आम आदमी पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार आतिशी ने सोमवार को नामांकन रैली निकाली, लेकिन उस दिन नामांकन नहीं कराया। अगले दिन मंगलवार को उन्होंने निर्वाचन कार्यालय जाकर नामांकन प्रक्रिया पूरी की। पार्टी ने स्पष्ट किया कि रैली का उद्देश्य सिर्फ शक्ति प्रदर्शन था।
मनीष सिसोदिया की नई सीट और नई रणनीति आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बार अपनी सीट बदल दी है। वह पटपड़गंज सीट से दो बार चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन पिछली बार कम मार्जिन से जीतने के कारण उन्होंने सीट बदलने का फैसला किया।
आज सिसोदिया नामांकन रैली निकालेंगे, लेकिन नामांकन कल या परसों कराने की संभावना है। इस रैली का मकसद उनके समर्थकों के साथ उनकी राजनीतिक ताकत दिखाना है।
भाजपा के प्रवेश वर्मा का पारंपरिक अंदाज नई दिल्ली सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने आज नामांकन किया। नामांकन से पहले उन्होंने अपने आवास पर पूजा की और चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर में दर्शन के बाद अपने परिवार के साथ नामांकन के लिए पहुंचे।
अन्य नेताओं का नामांकन आप, भाजपा और कांग्रेस के अन्य प्रत्याशियों ने भी आज नामांकन कराया। इस दौरान पूरे शहर में चुनावी माहौल और राजनीतिक गतिविधियां चरम पर रहीं।
चुनावी रणनीतियां और शक्ति प्रदर्शन नामांकन रैलियां नेताओं की ताकत का प्रदर्शन करने का महत्वपूर्ण जरिया बन गई हैं। जहां आप ने रैलियों के माध्यम से जनता को जोड़े रखने की रणनीति अपनाई, वहीं भाजपा ने पारंपरिक तरीकों से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
दिल्ली चुनाव 2025 के नामांकन का यह दिन न केवल प्रत्याशियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जनता को पार्टी की रणनीतियों और प्राथमिकताओं की झलक भी दिखाता है।
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