रितु करिधाल: भारत की “रॉकेट वुमन” का अद्भुत सफर

भारत की अंतरिक्ष यात्रा में महिलाओं का योगदान हमेशा प्रेरणादायक रहा है, और रितु करिधाल इसका एक चमकता हुआ उदाहरण हैं। इसरो की वरिष्ठ वैज्ञानिक और “रॉकेट वुमन” के नाम से प्रसिद्ध रितु करिधाल, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में महिलाओं की भूमिका का प्रतीक बन चुकी हैं। चंद्रयान और मंगलयान मिशनों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद, अब वह भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन *गगनयान* की योजना में अहम भूमिका निभा रही हैं। आइए, उनके प्रेरणादायक सफर पर एक नजर डालते हैं।
शुरुआत से लेकर इसरो तक का सफर
लखनऊ की गलियों में बचपन बिताने वाली रितु करिधाल को बचपन से ही विज्ञान और ब्रह्मांड के रहस्यों में गहरी दिलचस्पी थी। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली रितु ने अपनी कड़ी मेहनत और संकल्प के बल पर लखनऊ विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक किया और आगे की पढ़ाई के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc), बेंगलुरु में दाखिला लिया।
उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट तब आया जब उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में वैज्ञानिक के रूप में कदम रखा। वहां उन्होंने अपने ज्ञान और मेहनत के दम पर खुद को एक कुशल और समर्पित वैज्ञानिक के रूप में स्थापित किया।
चंद्रयान और मंगलयान: रितु की उपलब्धियां
रितु करिधाल को चंद्रयान-2 मिशन में उनकी भूमिका के लिए “मिशन डायरेक्टर” के रूप में जाना जाता है। चंद्रयान-2 के जटिल अभियानों को उन्होंने बखूबी प्रबंधित किया। इसके अलावा, 2013 में लॉन्च किए गए मंगलयान मिशन में उन्होंने “डिप्टी ऑपरेशंस डायरेक्टर” के रूप में काम किया।
मंगलयान, जिसे “मार्स ऑर्बिटर मिशन” भी कहा जाता है, भारत का पहला अंतरग्रहीय मिशन था, और इसे रितु करिधाल जैसे वैज्ञानिकों की बदौलत सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ क्योंकि यह मंगल ग्रह पर पहुंचने वाला दुनिया का सबसे कम लागत वाला मिशन था।
अब गगनयान की ओर
2025 में, रितु करिधाल गगनयान मिशन की योजना में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। यह मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा। रितु करिधाल और उनकी टीम इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है।
महिलाओं के लिए प्रेरणा
रितु करिधाल न केवल विज्ञान और अंतरिक्ष की दुनिया में एक अग्रणी नाम हैं, बल्कि वह उन लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा भी हैं, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहती हैं। उन्होंने साबित किया है कि किसी भी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी न केवल संभव है, बल्कि अनिवार्य भी है।
उनका जीवन यह संदेश देता है कि सीमित संसाधन और परिस्थितियां कभी भी आपके सपनों को रोक नहीं सकतीं, अगर आप कड़ी मेहनत और जुनून से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं।
सम्मान और पुरस्कार
रितु करिधाल को उनके योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वह भारत की युवा महिलाओं के लिए एक आदर्श बनी हुई हैं।
रितु करिधाल का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणादायक है, जो विज्ञान, नवाचार और समर्पण के साथ अपने सपनों को हासिल करना चाहते हैं। उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि अगर संकल्प और मेहनत हो, तो कोई भी सितारा पहुंच से बाहर नहीं है। वह भारत की अंतरिक्ष यात्रा की एक अद्भुत कहानी लिखने में जुटी हैं, और आने वाले समय में उनके और भी महान योगदान की उम्मीद है।
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