उत्तर भारत:- हाल ही में पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में महसूस होने लगा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में सर्दी की तीव्रता में इजाफा हो रहा है। इस दौरान मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक घने कोहरे के संकेत दिए हैं, जिसके कारण ठंड और भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
पहाड़ों की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में ठंड
कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी का दौर अभी भी जारी है। कश्मीर के कई इलाकों में गुरुवार को भी बर्फबारी हुई, जिससे तापमान में और गिरावट आई है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से मैदानी इलाकों की ठंडी हवाओं का रिश्ता है। इन ठंडी हवाओं ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों का तापमान गिरा दिया है। इन हवाओं का असर आने वाले दिनों में और महसूस किया जाएगा। अगले तीन दिन में मौसम के मिजाज में बदलाव की संभावना है, जिससे ठंड में और वृद्धि हो सकती है।
दिल्ली और एनसीआर में घना कोहरा
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ-साथ कोहरे का भी असर बढ़ने लगा है। मौसम विभाग ने इस बात की चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिन दिल्ली में घना कोहरा देखने को मिल सकता है। इसको लेकर ट्रैफिक व्यवस्था और स्वास्थ्य के प्रति भी सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) भी चिंता का विषय बना हुआ है। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। दिल्ली का एक्यूआई 400 के नीचे ही रहा, जिससे वायु प्रदूषण ने शहर के नागरिकों के स्वास्थ्य पर असर डालने की आशंका जताई जा रही है। दिल्ली के 39 में से 31 मॉनिटरिंग स्टेशनों की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में थी, और सात स्टेशनों की हवा ‘खराब’ श्रेणी में रही।
तापमान में गिरावट
दिल्ली में बृहस्पतिवार की सुबह इस सीजन की सबसे ठंडी रही, जहां न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सीजन का अभी तक का सबसे कम तापमान था। इससे पहले 10.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.0 डिग्री सेल्सियस रहा, जिससे यह भी साबित होता है कि दिन में तापमान में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, लेकिन रात में ठंड में जबरदस्त वृद्धि हुई है।
हवा में नमी का स्तर भी बदल चुका है, जो 97 से गिरकर 35 तक पहुंच गया है। इस नमी की कमी के कारण दिल्ली में मौसम ज्यादा सर्द महसूस हो रहा है।
बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का खतरा
इस बीच, बंगाल की खाड़ी में उठ रहे फेंगल चक्रवात के अगले एक-दो दिन में और गहराने की आशंका जताई जा रही है। यह चक्रवात तमिलनाडु के तट के पास आ सकता है, जिससे भारी बारिश और तूफान की संभावना बन रही है। भारतीय नौसेना ने इस चक्रवात से निपटने के लिए व्यापक तैयारी शुरू कर दी है।
नौसेना ने आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय कर दिया है, जिसमें बाढ़ राहत, मानवीय सहायता, और खोज एवं बचाव कार्य शामिल हैं। इसके तहत, नौसेना की टीमें तटवर्ती इलाकों में मदद पहुंचाने के लिए आवश्यक सामग्री और सेवाओं की तैयारी कर रही हैं। इसमें भोजन, पानी, दवाइयाँ, और राहत सामग्री के साथ-साथ गोताखोरों की टीमों को आपातकालीन बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है।
समग्र प्रभाव और सावधानियां
पिछले कुछ दिनों में उत्तर भारत के मौसम में जो बदलाव आया है, वह मौसम विज्ञानियों के लिए एक संकेत है कि मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच हम और भी सर्दी और अधिक बारिश का सामना कर सकते हैं। साथ ही, चक्रवात के असर से दक्षिण भारत में भी मौसम के मिजाज में बदलाव आ सकता है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
सर्दी, बर्फबारी, और चक्रवात की चेतावनियों के बीच लोगों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। घने कोहरे की स्थिति में सड़क सुरक्षा का ध्यान रखना, प्रदूषण के असर को कम करने के लिए मास्क पहनना, और ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनना आवश्यक है।
मौसम के इस बदलते मिजाज को समझना और उसके अनुसार अपनी तैयारियां करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि हम इन मौसमीय परिवर्तनों से सुरक्षित रह सकें और आने वाले दिनों में होने वाली परेशानियों का सामना आसानी से कर सकें।
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