गाजियाबाद:- शहीद नगर के राजू ने 31 साल बाद अपने परिवार से मिलकर एक नए अध्याय की शुरुआत की। बुधवार को अखबार में उसकी खबर और फोटो देखकर उसका परिवार खोड़ा थाने पहुंचा। राजू की मां, लीलावती, अपने भाई के साथ थाने पहुंची और जैसे ही उसने राजू को देखा, उसे पहचान लिया। इस दृश्य ने सबकी आंखों में आंसू ला दिए। मां ने तुरंत उसे गले से लगा लिया, और भावनाओं का प्रवाह बहने लगा।
पुलिस ने राजू को उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया। राजू के चाचा भोजराज ने बताया कि राजू की मां ने पहले उसकी पहचान एक तिल और सिर पर गड्ढा देखकर की। इसके बाद पुलिस ने जब राजू के शरीर की जांच की, तो यह बात सही निकली, जिससे उसकी पहचान पक्की हो गई।
राजू के पिता, तुलाराम, जो दिल्ली के दिलशाद गार्डन में उर्जा निगम में काम करते थे और हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं, को भी थाने बुलाया गया। राजू ने अपने पिता को पहचान लिया। घर पहुंचते ही राजू की तीन बहनें, संतोष, राजो और हेमा, भी उसे पहचानकर गले लग गईं।
भोजराज ने बताया कि राजू के गायब होने के बाद परिवार ने उसे हर जगह तलाशा था, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच, राजू के पिता तुलाराम मानसिक तौर पर कमजोर हो गए थे और उनका इलाज चल रहा था। अब, इतने वर्षों बाद, जब उनका बेटा घर लौटा, तो परिवार के लिए यह पल बेहद भावुक और अविस्मरणीय बन गया।
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