उत्तर प्रदेश प्रयागराज:- लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा को एक शिफ्ट में कराने की मांग कर रहे छात्रों का आंदोलन और उग्र हो गया है। जब पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर कार्रवाई करते हुए चार छात्रों को हिरासत में लिया, तो गुस्साए छात्रों की भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़कर फिर से आयोग की ओर कूच किया।
इस आंदोलन की शुरुआत तब हुई थी जब छात्रों ने आयोग से एक दिवसीय परीक्षा की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने सैकड़ों कर्मियों को तैनात किया और आयोग तक जाने वाले सभी रास्तों को बैरिकेड्स से बंद कर दिया। हालांकि, छात्र किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं थे और उन्होंने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आयोग तक पहुंचने में सफलता हासिल की।
छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने न केवल प्रदर्शनकारियों के साथ अभद्रता की, बल्कि आंदोलन के नेता आशुतोष पांडे सहित अन्य छात्रों को हिरासत में लेकर उनका अपमान किया। इससे छात्र और उग्र हो गए, और उन्होंने आंदोलन को और तेज करने का एलान किया। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि गिरफ्तार छात्रों को जल्द रिहा नहीं किया गया, तो उनका आंदोलन और भी व्यापक रूप ले सकता है।
आंदोलन को शांत करने के लिए मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त और जिलाधिकारी ने छात्रों से बैठक की, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। छात्रों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
इस बीच, छात्र अपने आंदोलन को “प्रचंड” बनाने का संकल्प ले चुके हैं और मशहूर गीत “आरंभ है प्रचंड” को अपना संघर्ष का प्रतीक बना लिया है। उनके मुताबिक, यह लड़ाई उनके भविष्य और अधिकारों की रक्षा के लिए है, और वे किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेंगे।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर छात्र आंदोलन अब पूरे जोश में है, और इसे लेकर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। यह संघर्ष न केवल UPPSC के छात्रों के लिए, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के प्रतियोगी छात्रों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन चुका है।
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