गाजियाबाद:- संपत्ति रजिस्ट्री को लेकर एक नई हलचल देखने को मिली, जब मंगलवार को 462 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई। यह संख्या गाजियाबाद में संपत्ति कारोबार में एक अहम मोड़ को दर्शाती है। इस दौरान कई लोग जो विदेश में रहते हुए अपनी संपत्ति के दस्तावेज़ों को पूरा नहीं कर पाए थे, उन्होंने रजिस्ट्री की प्रक्रिया को अंततः पूरा किया।
कनाडा में रहने वाले आशुतोष दत्त ने भी इस रजिस्ट्री प्रक्रिया में भाग लिया। उन्होंने बताया कि कई दिनों से तहसील में अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण रजिस्ट्री प्रक्रिया रुकी हुई थी, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन, जैसे ही हड़ताल खत्म हुई, उन्होंने तीन दिन पहले भारत आकर रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी की। आशुतोष ने कहा, “अब मैं कनाडा वापस जा सकता हूं और मेरी रजिस्ट्री हो गई है, इससे राहत मिली है।”
गाजियाबाद में एक और दिलचस्प बात यह रही कि विदेश में रहने वाले कई अन्य लोग भी रजिस्ट्री कराने के लिए पहुंचे थे। क्योंकि वे खुद भारत नहीं आ सके थे, इसलिए उन्होंने पावर ऑफ अटार्नी का उपयोग करते हुए अपने परिवार के सदस्यों को संपत्ति की रजिस्ट्री कराने की अनुमति दी। अधिवक्ता अशोक कुमार वर्मा के अनुसार, “हड़ताल के कारण पावर ऑफ अटार्नी का इस्तेमाल बढ़ा है, जिससे लोगों को अपनी संपत्ति की प्रक्रिया पूरी करने में मदद मिली है।”
उसी दिन, देवोत्थान एकादशी के अवसर पर शादी का पंजीकरण कराने वाले दंपत्तियों की भी भारी संख्या रही। कई दंपत्तियों ने उसी दिन अपनी शादी पंजीकृत कराई, जिससे निबंधन कार्यालयों में भी भीड़ रही। एआइजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि मंगलवार को कुल 462 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई, और शादी के पंजीकरण के लिए 32 दंपत्तियों ने दस्तावेज़ पूरे किए।