अमेरिकी चुनाव परिणाम:- आज अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान हो रहे हैं, और इस बार की दौड़ में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कांटे की टक्कर है। दोनों प्रमुख उम्मीदवारों के चुनावी अभियान ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है और यह माना जा रहा है कि यह चुनाव अमेरिकी राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने वाला है।
इस चुनाव की अहमियत सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसके परिणामों का गहरा असर हो सकता है। चुनाव परिणाम की दिशा को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाने वाले सात स्विंग राज्य हैं, जिनके नतीजे पूरे चुनाव की तस्वीर बदल सकते हैं।
चुनावी समय और मतदान प्रक्रिया
अमेरिका में मतदान केंद्र स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे तक खुलेंगे। इसके बाद चुनावी नतीजों की दिशा तय करने में समयक्षेत्रों का भी अहम योगदान होगा, क्योंकि अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में समय के अंतर के कारण, परिणामों के आने का समय भी अलग-अलग हो सकता है।
मुख्य मतदान केंद्र अधिकांश राज्यों में शाम 7 बजे से रात 11 बजे (00:00-05:00 GMT) तक खुले रहेंगे। चुनाव की रात को मतदान बंद होने के कुछ ही घंटों बाद नतीजे आना शुरू हो सकते हैं, हालांकि कुछ राज्य अपनी गिनती की प्रक्रिया में अधिक समय ले सकते हैं।
स्विंग राज्यों का अहम योगदान
इस बार के चुनाव में सबसे ज्यादा अहमियत उन राज्यों की है, जिन्हें ‘स्विंग राज्य’ कहा जाता है। इन राज्यों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बढ़त नहीं मिलती और चुनावी नतीजे अक्सर अप्रत्याशित होते हैं। प्रमुख स्विंग राज्यों में पेंसिल्वेनिया (19 इलेक्टोरल वोट), जॉर्जिया (16), मिशिगन (15), नॉर्थ कैरोलिना (16), एरिजोना (11), विस्कॉन्सिन (10) और नेवादा (6) शामिल हैं। इन राज्यों में कुल 93 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं, जो चुनाव के नतीजे में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
चुनाव जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 538 इलेक्टोरल वोटों में से कम से कम 270 वोट चाहिए। इन स्विंग राज्यों के परिणामों के आधार पर ही यह तय होगा कि कौन अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनेगा। इन राज्यों में मतदान का समय स्थानीय समय के अनुसार शाम 7 बजे से रात 10 बजे के बीच होगा, और इसके बाद परिणाम आने शुरू हो जाएंगे।
प्रारंभिक नतीजों का अनुमान
चुनाव की रात शुरुआती नतीजे कुछ राज्यों से ही सामने आ सकते हैं। जॉर्जिया और उत्तरी कैरोलिना में नतीजों की रिपोर्ट चुनाव की रात 8 बजे (पूर्वी समय) तक आ सकती है। इसके बाद, बाकी राज्यों में परिणामों के आने में और समय लग सकता है। इन स्विंग राज्यों में मतदान और गिनती की प्रक्रिया के अलग-अलग तरीके होने के कारण, नतीजे आने में देरी हो सकती है।
आकस्मिक चुनाव
यदि चुनाव के नतीजे 269-269 के बराबरी पर पहुंचते हैं या कोई तीसरा पक्ष इलेक्टोरल वोट जीतता है, जिससे कोई भी उम्मीदवार 270 वोट तक नहीं पहुंच पाता, तो यह “आकस्मिक चुनाव” की स्थिति पैदा कर सकता है। आकस्मिक चुनाव की प्रक्रिया में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा विजेता का चुनाव करती है। इसमें हर राज्य का प्रतिनिधिमंडल एक वोट डालता है, और विजेता बनने के लिए किसी उम्मीदवार को राज्य प्रतिनिधिमंडल के बहुमत वाले वोट चाहिए। इसके बाद, उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए अमेरिकी सीनेट मतदान करती है, जिसमें प्रत्येक सीनेटर एक वोट डालेगा।
इतिहास में तीन बार आकस्मिक चुनाव हो चुके हैं: 1801, 1825, और 1837 में। 2000 का चुनाव भी एक उदाहरण था, जब फ्लोरिडा में विवादास्पद पुनर्गणना के बाद जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने केवल एक अतिरिक्त वोट से जीत हासिल की थी, जबकि अल गोर को 266 वोट मिले थे।
मेल-इन वोट और शहरी इलाकों का प्रभाव
अमेरिका में मेल से मतदान की प्रक्रिया में समय लगता है, और इस बार के चुनाव में यह मुद्दा ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है। ट्रम्प ने मेल-इन वोटों के खिलाफ अपनी नीतियां बनाई हैं, जबकि डेमोक्रेट्स (कमला हैरिस की पार्टी) समर्थक ज्यादातर घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में रहते हैं, जहां वोटों की गिनती में समय लगता है। इस कारण से, परिणामों की घोषणा में देरी हो सकती है, खासकर जब मेल-इन वोटों की गिनती शुरू होगी।
नतीजों में देरी: क्यूं और कैसे?
अमेरिका में कुल 50 राज्य हैं, और इन राज्यों में मतदान के बाद वोटों की गिनती अलग-अलग तरीकों से की जाती है। खासकर स्विंग राज्यों में वोटों की गिनती धीमी हो सकती है, जिससे अंतिम परिणाम आने में वक्त लग सकता है। इन राज्यों के नतीजों को लेकर अंदाजा लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि यहां के चुनावी नियम अलग-अलग होते हैं। इससे चुनावी रात के बाद कई दिनों तक अनिश्चितता बनी रह सकती है।