रूस:- कजान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक सहयोग और संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देते हुए नए सदस्यों का स्वागत किया।प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि ब्रिक्स अब विश्व की 40% मानवता और 30% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह संगठन भविष्य में वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक प्रभावी बनकर उभरेगा। न्यू डेवलपमेंट बैंक की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह बैंक ग्लोबल साउथ के देशों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
आर्थिक सहयोग के प्रयास
शिखर सम्मेलन में चर्चा किए गए प्रमुख मुद्दों में डब्ल्यूटीओ सुधार, कृषि में व्यापार सुविधा और ई-कॉमर्स शामिल थे। पीएम मोदी ने कहा कि इन मुद्दों पर सहमति से आर्थिक सहयोग को मजबूती मिलेगी। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान समय में दुनिया युद्ध, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है।
संवाद और कूटनीति की आवश्यकता
मोदी ने स्पष्ट किया कि ब्रिक्स का उद्देश्य विभाजनकारी नहीं है, बल्कि यह जनहित समूह के रूप में कार्य करता है। “हम युद्ध का नहीं, संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं,” उन्होंने कहा।
भविष्य के लिए दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के अवसर पैदा करने की दिशा में काम करना चाहिए। इसके साथ ही, साइबर सुरक्षा और सुरक्षित एआई के लिए वैश्विक नियमों के विकास पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का संवाद वैश्विक सहयोग और स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह सम्मेलन केवल आर्थिक मंच नहीं, बल्कि विश्व शांति और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल भी है।
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