जम्मू-कश्मीर में बदलाव की बुनियाद: राष्ट्रपति शासन खत्म, नई सरकार की ओर एक कदम

जम्मू-कश्मीर:- रविवार को जम्मू और कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर शामिल हैं। अधिसूचना के अनुसार, 31 अक्टूबर 2019 का आदेश मुख्यमंत्री की नियुक्ति से पहले निरस्त किया जाएगा, जो एक महत्वपूर्ण विकास है।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन विजयी रहा है। इस गठबंधन का नेतृत्व नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला करेंगे, जो जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को 31 अक्टूबर 2019 को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में विभाजित किया गया था, जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। पहले से केंद्रीय शासन के अधीन, यह प्रदेश 2017 में भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा था।
इस बार के विधानसभा चुनाव में 90 सीटों में से 42 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस, 29 पर भाजपा, और 6 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इसके अलावा, अन्य दलों ने भी कुछ सीटें हासिल की हैं। चुनाव प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न हुई, जिसमें 51 नए विजेता विधायक पहली बार चुनावी राजनीति में शामिल हुए।
अब जम्मू-कश्मीर में नई राजनीतिक दिशा की ओर बढ़ने की उम्मीद जगी है, जिससे विकास और स्थिरता की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं। उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है, जिससे नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ने की संभावना है।
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