साहिबाबाद:- शालीमार गार्डन पसौंडा में झील की जमीन पर अवैध निर्माण के विवाद में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना जिलाधिकारी की अनुपस्थिति और मांगी गई रिपोर्ट न देने के कारण लगाया गया है। एनजीटी ने डीएम को आदेश दिया है कि वे यह जुर्माना दो हफ्ते के अंदर रजिस्ट्रार के पास जमा करें।
इस मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी, जिसमें जिलाधिकारी को खसरा संख्या 2476 और 1564 की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। शिकायतकर्ता, सोसायटी फॉर वॉयज ऑफ ह्यूमन राइट्स के अध्यक्ष, अधिवक्ता राजकुमार कौशिक ने आरोप लगाया था कि झील की दर्ज भूमि पर निर्माण कार्य जारी है। जिलाधिकारी ने 8 मई 2024 को रिपोर्ट पेश की, लेकिन खसरा संख्या 1564 की स्थिति स्पष्ट नहीं की और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित बताकर छोड़ दिया।
एनजीटी के निर्णय ने स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली और जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं। सोसायटी ने पहले भी उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और अन्य अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन ठोस कार्रवाई न होने पर एनजीटी का दरवाजा खटखटाया। यह मामला पर्यावरण संरक्षण और भूमि उपयोग के मुद्दों को उजागर करता है और सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही को लेकर महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है।
Discussion about this post