गुजरात:- सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के ऊपर बने गहरे दबाव के क्षेत्र (डीप डिप्रेशन) ने अरब सागर की ओर बढ़ते हुए चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया है। मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह बताया कि यह दबाव क्षेत्र अब तूफान में तब्दील हो रहा है, जो 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है और अगले 12 घंटों में पूरी तरह साइक्लोन में बदल सकता है।
कच्छ में 65 से 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिससे इलाके में भारी बारिश और तूफान की स्थिति बन सकती है। राजकोट, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़ और द्वारका में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। कच्छ और राजकोट में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है, और कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को घर खाली करने के आदेश दिए गए हैं। गुजरात में पिछले एक सप्ताह से जारी तेज बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। इस संकट के दौरान 32 लोगों की मौत हो चुकी है और बचाव कार्यों के लिए NDRF, SDRF के अलावा सेना भी तैनात की गई है।
1976 के बाद अरब सागर में दस्तक देने वाला पहला तूफान
आम तौर पर अगस्त महीने में चक्रवाती तूफान अरब सागर से नहीं उठते, लेकिन इस बार मौसम ने इतिहास की धारा को बदल दिया है। अब तक अगस्त में अरब सागर से केवल तीन तूफान उठ चुके हैं: पहला 1944 में, दूसरा 1964 में गुजरात तट पर और तीसरा 1976 में ओडिशा के पास। सभी तूफान समय के साथ कमजोर पड़ गए थे। इसके विपरीत, बंगाल की खाड़ी में अगस्त महीने में तूफान आने का रिकॉर्ड बहुत अधिक है। पिछले 132 सालों में बंगाल की खाड़ी में अगस्त में 28 तूफान आ चुके हैं। इस तरह की असामान्य गतिविधि से मौसम विशेषज्ञ और स्थानीय समुदाय सतर्क हो गए हैं।
Discussion about this post