पूर्व विधायक को मिली एक दिन की मोहलत: आज ही करना होगा सरेंडर!

गाजियाबाद:- मसूरी पुलिस ने सोमवार को पूर्व विधायक असलम चौधरी को रिमांड कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने चौधरी को एक दिन की अंतरिम जमानत प्रदान की, जिसके तहत वह सोमवार रात बाहर रह सकते हैं। मंगलवार को उन्हें फिर से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं। इस स्थिति ने चौधरी के समर्थकों और विरोधियों के बीच हलचल पैदा कर दी है।
मसूरी के राजा दीवान द्वारा पूर्व विधायक असलम चौधरी और अन्य के खिलाफ जमीन पर कब्जा और दो करोड़ की रंगदारी की शिकायत दर्ज कराने के बाद, मामले ने नया मोड़ ले लिया है। पुलिस ने जुलाई 2023 में चार्जशीट पेश की थी, जिसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने असलम चौधरी समेत तीन लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। इस वारंट के बाद पुलिस ने चौधरी को रुड़की से गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को असलम चौधरी को मसूरी पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें एक दिन की अंतरिम जमानत मिली। मंगलवार को उन्हें फिर से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं। असलम चौधरी पर मसूरी थाने में 24 से अधिक मामले दर्ज हैं, जो इस केस की गंभीरता को और बढ़ाते हैं।
गाजियाबाद के मसूरी क्षेत्र में पूर्व विधायक असलम चौधरी की लंबी आपराधिक हिस्ट्री सामने आई है, जिसमें कई गंभीर मामले शामिल हैं। पुलिस ने हाल ही में चौधरी की हिस्ट्रीशीट जारी की, जिसमें विभिन्न अपराधों के दर्ज मामलों का विवरण है।
1998: में मारपीट का मामला, जिसमें पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल की।
2000: में धमकी देने का मामला, जिसकी रिकॉर्ड की जानकारी पुलिस को नहीं मिली।
2001: में चोरी और धोखाधड़ी के मामले, जिसमें कोर्ट ने जुर्माना लगाकर मामला समाप्त किया।
2007: में जान से मारने की धमकी के दो मामले, एक में तीन माह की सजा और जुर्माना, दूसरे में आरोप से मुक्त।
2009: में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला, जो अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है।
2013: में जानलेवा हमले और अन्य धाराओं में मुकदमा, जो कोर्ट में जारी है।
2019: में कई धोखाधड़ी और धमकी के मामले, जिनमें पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल की या मामले विचाराधीन हैं।
2021: में सरकारी आदेश की अवहेलना, दंगा भड़काने, और मानहानि के मामले, जो अभी भी कोर्ट में हैं।
2022: में जलाशय को दूषित करने से संबंधित तीन मामले, जो कोर्ट में विचाराधीन हैं।
पूर्व विधायक की ये हिस्ट्रीशीट उनके खिलाफ कई वर्षों से दर्ज मामलों की गहराई और गंभीरता को दर्शाती है। इन विवादों ने उनकी राजनीतिक छवि को प्रभावित किया है और स्थानीय लोगों में चिंता पैदा कर दी है।
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