मलेशिया:- प्रधानमंत्री ने हाल ही में भारतीय इस्लामी धर्म प्रचारक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण पर विचार करने के संकेत दिए हैं, यदि भारत उनकी खिलाफ पेश किए गए सुबूतों को ठोस और उचित मानता है। यह बयान मलेशिया और भारत के बीच रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत हो सकता है, जो विभिन्न स्तरों पर जटिलताएँ और संभावनाएँ लेकर आता है।
जाकिर नाइक, जो एक प्रसिद्ध इस्लामी उपदेशक और सार्वजनिक वक्ता हैं, पर भारत में धार्मिक उन्माद फैलाने और आतंकवाद से जुड़े आरोप हैं। भारतीय सरकार ने उनकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण के लिए मलेशिया से कई बार अनुरोध किया है। हालांकि, मलेशिया ने अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, इसके पीछे देश के न्यायिक और कानूनी प्रणाली के प्रति सम्मान और धर्मनिरपेक्षता के प्रति प्रतिबद्धता हो सकती है।
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार भारतीय सरकार के साथ आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जाकिर नाइक का मामला भारत और मलेशिया के रिश्तों में एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। 2017 में, जब जाकिर नाइक पर भारत में आतंकवाद और धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप लगे थे, वह मलेशिया भाग गया था। उस समय मलेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने उसे सरकारी संरक्षण प्रदान किया था, जिससे भारत की आपत्ति भी उठी थी।
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