गाजियाबाद : पड़ोसी को फंसाने की साजिश में चाचा की छत से धकेलकर हत्या

गाजियाबाद। पड़ोसी को फंसाने की साजिश के तहत युवक ने अपने बुजुर्ग चाचा की छत से धक्का देकर हत्या कर दी। इधर, पुलिस ने जांच की तो वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में यह घटनाक्रम कैद हो गया। नतीजतन पुलिस ने भतीजे को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना गुनाह भी कबूला है।

मोदीनगर के फरीदनगर में रहने वाले 60 साल के कुलदीप शर्मा की मंगलवार रात हत्या की गई थी। पुलिस ने कुलदीप के भतीजे अमित को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने गुनाह कबूल दिया। पुलिस के मुताबिक कुलदीप का अपनी पत्नी गीता और पुत्र आकाश से कई सालों से झगड़ा चल रहा था। इसके कारण वह कुलदीप से अलग मोदीनगर में रहते हैं जबकि कुलदीप अपने सगे भतीजों अमित, विनित और सुनित के साथ कस्बा फरीदनगर में ही रह रहे थे। वह शराब के आदी थे। आरोप है कि शराब के नशे में कुलदीप गाली-गलौज करते थे। कई बार समझाने के बाद भी वह नहीं माने। अमित को उनकी यह बात पसंद नहीं थी। अमित ने कुलदीप की हत्या करने की ठान ली। कुलदीप और अमित एक साथ बैठकर शराब पीते थे। घटना वाली रात अमित साजिश के तहत चाचा कुलदीप को शराब पिलाने के बहाने मकान की दूसरी मंजिल की छत पर ले गया। पूछताछ में अमित ने बताया कि उसने कुलदीप को ज्यादा शराब पिलाई और खुद कम पी। नशा अधिक होने पर कुलदीप जैसे ही पड़ोसी सुंदर की मुंडेर पर बैठकर पेशाब करने लगे तभी उसने उन्हें छत से धक्का दे दिया। कुलदीप की नीचे गिरते ही मौत हो गई। अमित ने पड़ोसी वीरेंद्र पुत्र धन्नीराम पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए शोर मचाया दिया। कुलदीप के भाई विनित ने पुलिस को कुलदीप की हत्या की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस को अमित ने हत्याकांड का चश्मदीद बनने का नाटक करते हुए वीरेंद्र पर हत्या करने का आरोप लगाया। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो राजफाश होता देख, अमित वहां से भाग गया।

अक्सर होता था पड़ोसी से झगड़ा
अमित, विनित और सुनित तीन भाई हैं, उनके पिता अशोक की मौत हो चुकी है। पड़ोसी वीरेंद्र से काफी समय से उनका झगड़ा चल रहा है। दोनों पक्ष आए दिन एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाते थे। इसे देखते हुए पुलिस ने उन्हें सीसीटीवी कैमरे लगवाने को कहा। वीरेंद्र ने करीब छह माह पूर्व ही घर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की तो वीरेंद्र रात दस बजे घर में जाने के बाद बाहर नहीं आए। एसीपी ने बताया कि जांच में वीरेंद्र पर लगाए गए आरोप झूठे निकले। इसके बाद अमित को पकड़कर पूछताछ की गई तो उसने पहले तो गुमराह करने का प्रयास किया मगर पुलिस ने सख्ती की तो वह टूट गया और उसने हत्या करना कुबूल लिया।

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