गाजियाबाद। जिले में तैनात एक 2018 बैच के सिपाही ने गांव की युवती की ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर सरकारी राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जानकारी मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि सिपाही 2018 बैच में पुलिस में भर्ती हुआ था और उसकी ड्यूटी नगर पालिका परिषद स्थित गोदाम पर ईवीएम मशीन की सुरक्षा में लगी हुई थी। आत्महत्या करने वाले सिपाही के साथ ड्यूटी पर दूसरा सिपाही भी ड्यूटी पर था। आत्महत्या करने वाले सिपाही की मोबाइल से फोन से पुलिस के अधिकारियों को एक वीडियो भी मिली है जिसमें सिपाही द्वारा बताया गया कि गांव की युवती उसे लगातार ब्लैकमेल कर रही है और झूठे मुकदमे में फंसने की धमकी दे रही है।
पुलिस ने बताया कि जनपद बुलंदशहर के औरंगाबाद के रहने वाले पम्मी पुत्र प्रवीण कुमार 2018 में पुलिस में भर्ती हुए थे। पम्मी की ड्यूटी उनके साथी सिपाही ध्यान सिंह के साथ नगर पालिका परिषद स्थित गोदाम में रखे एवं मशीन की सुरक्षा में लगी हुई थी। पम्मी ने किसी समय सरकारी रायफल से खुद को गोली मार ली गोली चलने की आवाज सुनते ही ध्यान सिंह मौके की ओर दौड़ा को देखा कि पम्मी खून से लथपथ पड़ा हुआ है। इसके बाद ध्यान सिंह ने पम्मी को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पम्मी की मौत के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी हुई तो अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण कर मम्मी की मौत से संबंधित तथ्य जताने के संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए है।
छह लाख ऐंठ चुकी थी युवती
मामले में डीपी ग्रामीण विवेक चंद यादव का कहना है कि पम्मी नाम के सिपाही ने सरकारी असला से गोली मारकर आत्महत्या की है। आत्महत्या से पहले सिपाही ने अपने मोबाइल फोन से एक वीडियो भी बनाया है जो पुलिस को मिला है जिसमें सिपाही द्वारा उसके ही गांव की एक युवती उसे 2 साल से ब्लैकमेल कर रही है ऐसा वीडियो में कहा गया है। सिपाही ने वीडियो बनाते समय यह भी कहा कि वह इससे पहले भी जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश कर चुका है। ब्लैकमेल करने वाली युवती को वह अब तक छह लाख रुपए दे चुका है लेकिन इसके बाद भी युवती उसे ब्लैकमेल कर रही है और झूठे मुकदमे फसाने की धमकी दे रही थी। जिससे वह अवसाद में आ गया था और उसने आत्महत्या की है।