गाजियाबाद। जिले के क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र के पैरामाउंट सिंफनी में रहने वाले रोहित गुप्ता को साइबर अपराधियों ने लगभग 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखकर उनके खाते से सात लाख रुपये निकलवा लिए। ठगी का शिकार होने के बाद रोहित ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस मामले में जांच पड़ताल कर रही है।
ठगी के शिकार हुए रोहित ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया 9 जुलाई को उनके फोन पर एक कॉल आई थी। कॉलर ने रोहित को बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड पर 4.80 लाख रुपए बकाया है। जमा करने के लिए उसे तीन बार नोटिस भेजा गया लेकिन इसके बाद भी उसके द्वारा बताया जमा नहीं किया गया है। इसके बाद रोहित के मोबाइल पर फोन पर साइबर क्राइम और सीबीआई ऑफिस मुंबई के नाम पर दूसरे नंबर से वीडियो कॉल आया। वीडियो कॉल में कॉलर पुलिस की वर्दी पहने हुए था और उसने बताया कि उसने मुंबई के एचडीएफसी बैंक में मनी लॉन्ड्रिंग, महिला तस्करी और फंडिंग से रोहित के तार जुड़े हुए हैं। जिसकी वजह से रोहित को 24 घंटे उन्होंने डिजिटल अरेस्ट करके अपनी निगरानी में रखने के निर्देश दिए थे। इतना ही नहीं कॉलर ने उन्हें यह भी धमकी दी थी कि डिजिटल अरेस्ट की बात उन्होंने किसी से शेयर की तो कार्रवाई कर दी जाएगी। मुंबई सीबीआई के नाम पर रोहित डर गए और वह चुपचाप कॉलर द्वारा बताए गए गाइडलाइंस का पालन करने लगे और उन्होंने अपनी खाते की जानकारी उन्हें दे दी। इसी बीच बैंक खाते की जानकारी लेकर साइबर अपराधियों ने सात लाख रुपये निकाल लिए।
ऐसे हुआ ठगी का एहसास
अगले दिन करीब 7:30 बजे उनसे पूछताछ की प्रक्रिया पूरी होने की बात कह कर वीडियो कॉल डिस्कनेक्ट कर दी गई। जब रोहित को ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में शिकायत की रोहित की शिकायत पर साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज करके शुरू कर दी गई है। मामले में पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि रोहित की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करके जांच पड़ताल कर की जा रही है और प्रयास किया जा रहा है कि रोहित की रकम वापस कराई जा सके।