राष्ट्रीय लोकदल से भूपेंद्र चौधरी का इस्तीफा, सियासी गलियारों में चर्चाएं

मेरठ। राष्ट्रीय लोकदल को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भूपेंद्र चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। इसकी पुष्टि भूपेंद्र चौधरी ने खुद अपने सोशल अकाउंट पर अपलोड पोस्ट में की है। उनके इस्तीफे के बाद जहां पार्टी में खलबली मची हुई है। वहीं सियासी गलियारों में भी तमाम चर्चाएं हैं।
भूपेंद्र चौधरी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि आज बड़े भारी मन से मैं रालोद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। इन सालों में राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं, कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए साथ सहयोग और सम्मान का मैं आभारी रहूंगा। भारी मन से आज मैं राष्ट्रीय लोकदल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। जय जवान, जय किसान। माना जा रहा है कि एनडीए गठबंधन के बाद रालोद में अंदरूनी माहौल काफी बदला है। पार्टी नेताओं को तवज्जो नहीं दी जा रही। जो रालोद पहले किसान, मजदूर, महिलाओं, पिछड़ों के हक की बात करती थी। सरकार की गलत नीतियों का विरोध करती थी उसमें अब कार्यकर्ताओं पर सरकार के साथ चलने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके कारण कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं।
एडजस्ट न होने से नाराजगी की चर्चा
चर्चा है कि भूपेंद्र चौधरी नई सरकार में एडजेस्टमेंट चाह रहे थे, जो पूरा नहीं हुआ। इसके कारण नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। किसान आंदोलन के दौरान भूपेंद्र चौधरी काफी सक्रिय रहे और जयंत चौधरी के करीबियों में गिने जाते थे। हालिया लोकसभा चुनाव में रालोद ने 2 लोकसभा सीटो ंपर जीत दर्ज कराई है। एनडीए से गठबंधन में रालोद के खाते में बागपत और बिजनौर लोकसभा सीट आई थी।
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