गाजियाबाद। अब रैपिड रेल मुसाफिरों की यात्रा सुलभ कराने के साथ ही जल संचयन भी करेगी। बारिश के दौरान यहां पानी का संग्रह होगा और उसे वापस जमीन में भेजा जाएगा। इसके लिए दिल्ली के सराय काले खां से लेकर मेरठ के बीच नौ सौ पिट्स बनाए जा रहे हैं। आरआरटीएस ने तकरीबन 75 परसेंट काम पूरा भी कर लिया है। माना जा रहा है कि इस बारिश से ही जल संचयन शुरू हो जाएगा।
एनसीआरटीसी के सीपीआरओ पुनीत वत्स ने बताया कि वैश्विक पर्यावरण लक्ष्यों के अनुरूप वर्षा जल संचयन के लिए प्रभावी तंत्र तैयार किया जा रहा है। इसके तहत दिल्ली के सराय काले खां से लेकर मेरठ के मोदीपुरम तक के एलिवेटेड वायडक्ट, स्टेशनों और डिपो में 900 से ज्यादा वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए जा रहे हैं। इन पिट्स के जरिए लाखों क्यूबिक मीटर ग्राउंड वॉटर रिचार्ज हो सकेगा। स्टेशनों पर भी प्रत्येक प्रवेश-निकास द्वारों के पास दो-दो वर्षा जल संचयन पिट्स विकसित किए जा रहे हैं। इस कॉरिडोर पर ट्रेनों के रखरखाव और संचालन के लिए दो डिपो होंगे।
एक डिपो तैयार
एक डिपो दुहाई, गाजियाबाद में बनकर तैयार हो चुका है और दूसरा मोदीपुरम मेरठ में निर्मित किया जा रहा है। दुहाई डिपो में 20 से ज्यादा वर्षा जल संचयन पिट्स बनाए गए हैं। इन पिट्स की गहराई लगभग 16 से 22 मीटर भूजल स्तर के मुताबिक रखी गई है। इस सिस्टम की मदद से भूजल स्तर को बढ़ाने में सहयोग मिलेगा।