गाजियाबाद। दहेज हत्या के आरोपी पति को न्यायालय ने उम्र कैद व 25000 अर्थ दंड की सजा सुनाई है। जबकि न्यायालय ने ससुर जेठ और देवर को कैस से बरी कर दिया है। दरअसल मुकेश नाम के व्यक्ति ने 7 साल पहले अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या की थी। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेंद्र शर्मा ने बताया कि विवाहिता के भाई विनोद ने 19 दिसंबर 2017 को लोनी बॉर्डर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। केस दर्ज कराते हुए विनोद ने बताया था कि उसने अपनी बहन की शादी 2014 में बेटा हाजीपुर राजनगर के रहने वाले वेद प्रकाश के बेटे मुकेश के साथ की थी।
विनोद ने यह भी बताया था कि शादी के बाद एक साल तक सब कुछ सामान रहा लेकिन 1 साल के बाद उसकी बहन आरती को उसके ससुराल वाले दहेज में एक लाख रुपये और बाइक की मांग को लेकर परेशान करते थे। दहेज की मांग पूरी न होने पर उसकी पिटाई भी करते थे। कई बार विनोद और उसके परिवार वालों ने आरती के ससुरालयों को समझाया, लेकिन वह दहेज के लिए लगातार उसे प्रताड़ित करते रहे। 19 दिसंबर 2017 को मुकेश ने आरती के भाई को फोन करके उसकी तबीयत खराब होने की बात बताई थी। जब विनोद व उसके परिवार वाले आरती के ससुराल पहुंचे तो वह बेड पर मृत अवस्था में मिली। इसके बाद विनोद ने आरती के ससुर वेद प्रकाश, जेठ राजू और देवर सोनू के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज करवाया था।
14 गवाहों ने दर्ज कराए बयान
इसके बाद पुलिस ने 13 मार्च 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय ने 14 जून 2018 को आरोप तय कर केस की सुनवाई शुरू की थी। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि 30 जुलाई से गवाही शुरू हुई थी। जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह पेश किए गए जबकि की ओर से बचाव के लिए दो गवाह पेश किए गए थे। पूरे केस की सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने पति मुकेश को दोषी बातें हुई उम्र कैद और ₹25000 अर्थदंड की सजा सुनाई।