गाजियाबाद : मोबाइल टावरों में चोरी करने वाले छह बदमाश गिरफ्तार, चार करोड़ का माल बरामद

गाजियाबाद। जिले में क्राइम ब्रांच ने नंदग्राम थाना क्षेत्र से मोबाइल टावरों पर चोरी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए छह बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बदमाशों के पास से पुलिस ने चोरी किए गए 4 करोड़ रुपए के माल को बरामद किया है। पुलिस गिरफ्तार सभी बदमाशों से पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि यह लोग कई राज्यों में मोबाइल टावरों पर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।

पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार किए गए बदमाश ने कैफ मलिक ने बताया कि उसने दो साल पहले बीए प्रथम वर्ष में पढाई छोड दी थी और अपने पिता फुरकान मलिक के साथ उनकी मुस्तफाबाद दिल्ली स्थित कबाड की दुकान पर काम करना शुरू किया वहाँ वह शुएब से मिला जिसने उसे मोबाइल टावरों से चोरी की आरआरयू व अन्य इलैक्ट्रोनिक डिवाईस को बेचने के लिए कहा और यह भी कहा इस काम में लाखों का फायदा है। कैफ ने मार्केट में पता करके जावेद से सम्पर्क किया जब माल लेने व देने की पूरी बात हो गई, तो इन लोगों ने मिलकर एक गिरोह बनाया। जिसमे चोरी करने के लिए सुहेल मलिक, वसीम, अल्ताफ व जुबैर और मोबाइल टावरों के मेन्टिनेन्स करने वाले इंजीनियर राहुल गोयल को शामिल किया। इनसे चोरी का माल लेकर कैफ मलिक, सुमित कसाना, मेरठ के नईम व दिल्ली के मेहराजुद्दीन के माध्यम से मुस्तफाबाद दिल्ली के जावेद व उसके भाई वसीम को बेच देते थे। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार सुमित कसाना ने बताया वह भी बीए पास है और उसने 04 साल पुलिस में भर्ती की तैयारी की फिर दिल्ली में क्लब में बाऊन्सर / सिक्योरिटी की नौकरी करने लगा। क्लब में ही उसे जावेद मिला जिसने उसे अपने पास कबाड़ के काम के लिए रख लिया। वह पिछले चार वर्षों से जावेद के लिए काम करता है और माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाता है। जिसके बदले उसे 5-10 हजार रूपए प्रति चक्कर अलग से मिलते थे।

इंजीनियर की थी मुख्य भूमिका

राहुल गोयल ने पूछताछ के दौरान क्राइम ब्रांच को बताया कि उसने रुड़की से बीटेक किया है। उसका प्लेसमेन्ट नहीं हुआ तो प्राईवेट कम्पनियों में काम करने लगा वर्तमान समय मे वह सार टेली कन्सट्रक्शन्स प्राईवेट लिमिटेड में बतौर मैनेजर चार साल से काम कर रहा है। यह कम्पनी मोबाइल टावर के मेन्टिनेंनस का काम करती है। पिछले कुछ समय से उसने पश्चिमी बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश व राजस्थान के ऑपरेशन व मेन्टिनेन्स स्टॉफ से मिलकर आरआरयू की चोरी कराकर सुहेल, जुबैर, वसीम, कैफ को दे रहा था। इसके अलावा अन्य गिरफ्तार बदमाशों ने बताया कि वह इस गैंग के साथ मिलकर गैर प्रान्तों में भी मोबाइल टावरों पर चोरी करते। और मोबाइल टावरों से चोरी किए गए उपकरण बेचकर जो पैसे मिलते थे। वह यह सभी आपस में बांटकर अपना खर्च चलाते थे।

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