लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ से बड़ी खबर है। यहां हाइकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने बुधवार को पारित किया है। इसके पूर्व न्यायालय ने अब्बास अंसारी और राज्य सरकार के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के पश्चात 24 अप्रैल को मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। इस मामले में अब्बास के साथ चित्रकूट जेल के अधिकारी और अब्बास की पत्नी निकहत बानो को अभियुक्त बनाया गया था।
मनी लांड्रिंग मामले में अब्बास अंसारी को 18 नवंबर 2022 को नैनी जेल से चित्रकूट जिला कारागार लाया गया था। चित्रकूट जेल में पत्नी से गैरकानूनी तरीके से मुलाकात करने वाले माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी समेत पांच लोगों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। विधायक के अलावा मुलाकात में मददगार रहे सपा नेता, जेल कैंटीन ठेकेदार, निकहत के चालक और खाते में पैसा भेजने वाले पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। यहां पर उसकी पत्नी निकहत बानो को 10 फरवरी 2023 को डीएम अभिषेक आनंद और तत्कालीन एसपी वृंदा शुक्ला ने छापेमारी कर गिरफ्तार किया था। वह गैरकानूनी तरीके से जेल में पति से मुलाकात कर रही थी।
ये हुई थी कार्रवाई
इस मामले में जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर, वार्डर के अलावा अन्य मददगार गिरफ्तार हुए थे। इनमें कुछ लोग जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं। पुलिस ने इस मामले में अब्बास, कैंटीन ठेकेदार कर्वी निवासी नवनीत सचान, निकहत के चालक नियाज अंसारी, सपा नेता फराज खां और खातों में पैसा ट्रांसफर करने वाले वाराणसी के शहबाज आलम खां के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
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