गाजियाबाद। पॉवरलूम फैक्ट्री में मजदूरी करने वाले युवक के घर टैक्स चोरी का नोटिस पहुंचा है। नोटिस में 22 लाख रुपये का लेनदेन दिखाया गया है। हाल ही में दो दिन पहले चाय की दुकान पर काम करने वाले युवक हरीश के यहां भी नोटिस पहुंचा था। कुल मिलाकर लगातार मजदूर तबके के लोगों के नाम फर्म पंजीकृत कराकर टैक्स चोरी का खेल शुरू हो गया है।
मोदीनगर के बिजेंद्र के यहां नोटिस पहुंचा है। बिजेंद्र के नोटिस में 22 लाख लेनदेन दर्शाया गया है। पीड़ित बिजेंद्र जिस पावरलूम फैक्ट्री में काम करते हैं, उसी में पीड़ित हरीश के पिता राधेश्याम भी नौकरी करते हैं। बिजेंद्र और हरीश का घर आसपास में ही है। बिजेंद्र महज दस हजार रुपया महीना कमाते हैं। उनकी दो बेटी हैं। घर खर्च चलाना भी उनके लिए मुश्किल रहता है। ऐसे में उनके सामने जब आयकर विभाग से नोटिस पहुंचा तो हैरत में पड़ गए। उनके मुताबिक, हरीश के साथ कभी काम नहीं किया है। ना ही किसी को अपने दस्तावेज दिये हैं। किसी ने चोरी-छिपे उनके दस्तावेजों से फर्म तैयार कर लेनदेन किया है। उनकी तरफ से भी थाने में शिकायत दी गई है। उधर, पुलिस ने भी दोनों मामलों में रिपोर्ट तैयार कर साइबर सेल को भेजी है। दोनों से पुलिस ने दस्तावेज मंगाए हैं। जिन्हें डाक्यूमेंट साक्ष्य के तौर पर पुलिस इस्तेमाल करने की तैयारी में है। सूत्र बताते हैं कि इस तरह के मामलों में साइबर कैफे संचालकों की भूमिका सामने आती है। आरोपियों की साइबर कैफे संचालकों से सांठगांठ होती है। जब कोई व्यक्ति अपने आधार कार्ड या पेन कार्ड की फोटो कापी कराने आता है तो संचालक गलत कापी निकलने का झांसा देकर अतिरिक्त कापी कर लेता है। यह कापी जालसाजों तक पहुंचाई जाती है। जिसके बदले संचालक को कमीशन मिलता है। बिजेंद्र व हरीश का कहना है कि उन्होंने किसी को अपने दस्तावेज नहीं दिये। हां फोटो कापी जरूर कराई है।
जल्द करेंगे पर्दाफाश
एसीपी ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि प्रकरण गंभीर है। पुलिस इसपर काम कर रही है। दोनों कामगारों से शिकायत लेकर छानबीन शुरू करा दी है। जल्द वारदात का पर्दाफाश करने की पुलिस की कोशिश है।