गाजियाबाद : लिफ्ट में पौन घंटे फंसे रहे नौनिहाल, गेट तोड़कर निकाले

गाजियाबाद। वसुंघरा सेक्टर 11 के द्रोणागिरी अपार्टमेंट टावर की लिफ्ट में रवविर शाम तीन बच्चे फंस गए। शोर मचाने पर वहां के लोगों ने लिफ्ट तोड़कर उन्हें बाहर निकाला। इस दौरान घबराहट के कारण बच्चों की हालत भी बिगड़ गई। इलाकाई लोगों ने लिफ्ट के मेंटेनेंस न करने का आरोप भी लगाया है।

अपार्टमेंट के अर्क शंकर, कौस्तव बंसल, युवराज सिंह तीनों बच्चे रविवार शाम को खेलने गए थे। तीनों की उम्र लगभग 11 से 12 के बीच हैं। शाम करीब छह बजे वह खेलकर अपने फ्लैट में जा रहे थे। भूतल से तीनों लिफ्ट में सवार हो गए। लिफ्ट चौथे और पांचवें तल के बीच फंस गई। बच्चों ने काफी शोर मचाया लेकिन किसी को सुनवाई नहीं दिया। तीनों बच्चे अंदर रोने लगे। इनमें अर्क शंकर ने रोते हुए अपने दोनों दोस्तों की काउंसलिंग की और हिम्मत बनाए रखने की बात कही। कुछ देर बाद ही अपार्टमेंट की बिजली आपूर्ति रुक गई। इससे लिफ्ट में अंधेरा हो गया। इससे बच्चे अधिक डर गए। तभी चौथे तल पर लिफ्ट के पास पहुंचे एक व्यक्ति को बच्चों की आवाज सुनाई दी। उन्हें अहसास हुआ कि लिफ्ट में बच्चे हैं। सोसायटी के अन्य लोग भी मौके पर पहुंचे।

रॉड की मदद से तोड़ी गई लिफ्ट
लोगों ने राड और लकड़ी की मदद से लिफ्ट को तोड़ा। इसके बाद बच्चों को बाहर निकाला। इनमें युवराज को चोट भी लगी है। बच्चों को प्राथमिक उपचार दिया गया। अर्क शंकर के पिता अमित शंकर ने बताया कि सोसायटी में बहुत ही घटिया दर्जे की लिफ्ट लगाई गई हैं। उनका नियमित रूप से मेंटेनेंस नहीं किया जाता है। लोग अपने खर्चे से ही अपार्टमेंट की देखरेख करते हैं।

सिक्योरिटी गार्ड ने नहीं की मदद
अमित शंकर का आरोप है कि मेंटेनेंस समिति के सिक्योरिटी गार्ड ने बच्चों को रेस्क्यू कराने में कोई मदद नहीं की। सिक्योरिटी गार्ड लिफ्ट की चाबी तलाश करने में लगा रहा। मेंटेनेंस के नाम पर खानापूरी की जाती है। सुरक्षा के मानक भी पूरे नहीं है। जबकि यह सोसायटी में लोगों को 2020-22 से कब्जा मिलना शुरू हुआ था। यह ज्यादा पुरानी सोसायटी नहीं है। वहीं मेंटेनेंस सुपरवाइजर विपिन ने बताया कि मेंटेनेंस नहीं करने का आरोप गलत है। इस तरह का यह पहला मामला हुआ है। लिफ्टों का नियमित मेंटेनेंस किया जाता है। यह मशीन है। कभी भी खराब हो सकती है।

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