गाजियाबाद। दिल्ली एनसीआर इलाके में डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला जिले के राजनगर से है। यहां व्हाट्सएप कॉल करके एक व्यक्ति को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया। बाद में बेटे को दुष्कर्म के मामले में जेल भेजने का भय दिखाकर 12.70 हजार रुपए की ठगी कर ली। साइबर ठगों द्वारा व्यक्ति से 17 लाख रुपए की डिमांड की गई थी।
साइबर थाने में दिए गए शिकायती पत्र में पीड़ित ने बताया कि मैं राजनगर का रहने वाला है उसके व्हाट्सएप पर एक कॉल आई जिस नंबर से कॉल आई इसकी डीपी पर भी पुलिस की फोटो लगी हुई थी। व्हाट्सएप कॉल पर उन्हें कई घंटे तक पुलिस बनकर साइबर ठगने बंधक बनाकर रखा और उन्होंने बताया कि उनका बेटा दुष्कर्म के मामले में पकड़ा गया है और उसे जेल भेजने की तैयारी की जा रही है। उनके बेटे को 20 साल की सजा भी हो सकती है। बेटे को जेल भेजे जाने की बात सुनकर पीड़ित डर गया और उसने मामले को निपटने की बात। जिसके बाद साइबर ठग ने पीड़ित से 17 लख रुपए की रकम में सौदा, लेकिन पीड़ित पर 17 लख रुपए नहीं हुए तो उसने 12 लाख 70000 में मामला रफादफा करने की बात तय कर ली। इसके बाद पीड़ित ने अपने किसी भी परिजन को बिना बताए साइबर ठग के कहे अनुसार खाते में 12 लाख 70000 रुपए ट्रांसफर कर दिए इसके बाद फोन कॉल कट गई। फिर उन्होंने अपने बेटे से फोन करके संपर्क किया तो बेटे ने कहा उसके साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। तब जाकर पीड़ित को साइबर ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने साइबर थाने में शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की मांग की।
खाते की डिटेल निकाल रही पुलिस
मामले में पुलिस का कहना है कि पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है पीड़ित द्वारा किस खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। इसकी जांच की जा रही है। साइबर थाना पुलिस का कहना है कि लगातार पुलिस लोगों को जागरुक कर रही है कि व्हाट्सएप या उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी तरह के बहकावे में ना आए अगर कोई फर्जी कॉल या मैसेज आता है तो तत्काल पुलिस को सूचना दें ताकि ताकि की वारदातों से बच सके।