देवकाज हो या देशकाज, दोनों तेजी से हो रहे : पीएम

गुजरात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेहसाणा में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी मौजूद रहे। मोदी ने कहा कि ये भारत की विकास यात्रा में एक अद्भुत कालखंड है, एक ऐसा समय है जब देव काज हो या देश काज दोनों तेज गति से हो रहे हैं।

आज विकास से जुड़े 13,000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेहसाणा में वलीनाथ महादेव मंदिर में पूजा की और अहमदाबाद नरेंद्र मोदी स्टेडियम में लोगों का अभिनंदन करने के बाद गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए। गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की स्वर्ण जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुजरात के गांवों ने मिलकर 50 वर्ष पहले जो पौधा लगाया था। वो आज विशाल वटवृक्ष बन गया है और इस विशाल वटवृक्ष की शाखाएं आज देश विदेश तक फैल चुकी हैं। गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की स्वर्ण जयंती पर आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं। भारत की आजादी के बाद देश में बहुत से ब्रांड बने लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं। आज अमूल भारत के पशुपालकों के सामर्थ्य की पहचान बन चुका है।

दूध उत्पादन में हुई बढ़ोत्तरी
पीएम ने कहा कि हम आज दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश हैं। भारत के डेयरी सेक्टर से 8 करोड़ लोग सीधे जुड़े हुए हैं। पिछले 10 साल में ही भारत में दूध उत्पादन में करीब 60þ वृद्धि हुई है। पिछले 10 वर्षों में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता भी करीब 40þ बढ़ी है। दुनिया में डेयरी सेक्टर सिर्फ 2þ की दर से आगे बढ़ रहा है। जबकि भारत में डेयरी सेक्टर 6þ की दर से आगे बढ़ रहा है। आज डीसा एयरफोर्स स्टेशन के रन-वे का भी लोकार्पण हुआ है और भविष्य में यह भारत की सुरक्षा के लिए एयरफोर्स का एक बहुत बड़ा केंद्र विकसित होने वाला है। मुझे याद है मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने इस प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार को अनेक चिट्ठियां लिखी थी, लेकिन कांग्रेस की केंद्र सरकार ने इस काम को रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।

दुग्ध निगमों की संख्या बढ़ी
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि गुजरात डबल इंजन सरकार का पूरा लाभ उठाते हुए दूध के सहकारी उत्पादन में अग्रणी है। पिछले 2 दशकों में राज्य में दुग्ध निगमों की संख्या दोगुनी होकर 12 से 23 हो गई है। डेयरी उद्योग से 36 लाख से अधिक लोग जुड़े हैं, जिनमें 11 लाख महिलाएं हैं। 16,384 दुग्ध गृहों में से 3300 पूर्णतया महिलाओं द्वारा संचालित हैं। डेयरी उद्योग ने देश को 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। दूध उत्पादकों को डीबीटी के माध्यम से 150 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जाता है। पीएम मोदी का कार्यकाल सुधार और परिवर्तन का रहा है। अमृत काल में भारत जल्द ही विश्व की डेयरी के रूप में अपनी पहचान बनाएगा

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