अलीपुर अग्निकांड : घटनास्थल का दौरा करने पहुंचे केजरीवाल, मृतकों के परिजनों को 10 लाख मुआवजा

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अलीपुर का दौरा किया जहां एक पेंट फैक्ट्री में आग लगने से 11 लोगों की मौत हो गई। केजरीवाल ने कहा कि हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है। उनके परिवार के लोगों दस-दस लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। आग लगने की वजह से जो लोग झुलसे है उन्हें दो लाख रुपए और जिन्हें मामूली चोटें आई हैं उन्हें बीस हजार रुपए दिए जाएंगे। जो मकान और दुकान जल गए हैं उसके नुकसान का आंकलन किया जाएगा और पॉलिसी के मुताबिक मुआवजा दिया जाएगा।

उधर अग्निकांड में जान गंवाने वाले फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों के परिजन अपनों की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। अभी तक परिजनों को अपनों के शव नहीं मिल पाए हैं। वही आग बुझाने के बाद जेसीबी से फैक्ट्री इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। ताकि देखा जा सके कहीं कोई दबा तो नहीं रह गया। वहीं 11 लोगों की मौत की खबर सुनते ही फैक्ट्री में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के परिजन भी मौके पर पहुंच गए हैं। घनी आबादी में फैक्ट्री होने की वजह से आग लगने के कारण आसपास के मकान दुकान भी चपेट में आ गई है। जिनमें भारी नुकसान हुआ है। हालांकि नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस समय फैक्ट्री में आग लगी उसे समय तेजी से लपेट उठ रही थी। क्योंकि फैक्ट्री में भारी मात्रा में केमिकल था। इसके साथी जैसे ही आग की लपटें तेज उठने लगी वैसे ही वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम किया गया। अगर थोड़ी देर तक लोगों को बाहर नहीं किया जाता तो इससे और भी लोगों की जाने जा सकती थी।

आवासीय क्षेत्र में फैक्ट्री चल रही थी फैक्ट्री
दरअसल अलीपुर के दयाल मार्केट में जिस जगह फैक्ट्री में आग लगी वहां घनी आबादी थी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं की घनी आबादी में फैक्ट्री किसकी परमिशन से चल रही थी। फैक्ट्री में आग बुझाने के मानक पूरे थे या नहीं इसकी भी पड़ताल की जाएगी। वहीं लापरवाही मिलने पर फैक्ट्री मालिक पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। धनी आबादी होने की वजह से फैक्ट्री में आग लगने की वजह से आसपास के लोगों को भी काफी नुकसान हुआ है।

दमकलकर्मियों पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अग्निकांड की सूचना मिलने के बाद मौके का निरीक्षण किया और उन्होंने निर्देश दिए कि जो दमकल कर्मी गाड़ियों पर तैनात वह लेट आए उनके खिलाफ भी जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि दमकल की 22 गाड़ियों ने कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था, लेकिन तब तक 11 लोगों की झुलसकर का मौत हो चुकी थी। वही दमकल के कुछ कर्मियों का कहना है की घनी आबादी होने की वजह से उन्हें आग बुझाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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