गाजियाबाद: पूर्णिमा कोठारी को मिला सम्मान, बोलीं: भाइयों का बलिदान व्यर्थ नहीं गया

गाजियाबाद। अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने में शामिल रहे कोठारी बंधुओं की बहन पूर्णिमा कोठारी गाजियाबाद पहुंचीं। भाजपा कार्यालय पर सत्याग्रही रामसेवकों के सम्मान समारोह में शामिल हुईं।

मुंबई से आईं पूर्णिमा कोठारी ने कहा, 33 बरस बीत गए। अब जाकर न्याय मिला है। दोनों भाइयों के बलिदान को देश ही नहीं, पूरे विश्व से सम्मान मिला है। मन में दुख तो बहुत है भाइयों के खोने का, किंतु उस दर्द के साथ गर्व भी महसूस करती हूं। मेरे भाइयों ने रामराज्य के लिए अपना बलिदान दिया। देशहित और राष्ट्रहित के लिए बलिदान दिया। आज उनके बलिदान को जो सम्मान मिल रहा है, वो मेरे लिए बहुत ही वंदनीय है। मैं पूरे देश की आभारी हूं कि वो रामभक्तों को सम्मान दे रहे हैं। पूर्णिमा कोठारी ने कहा, 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का बुलावा आया है। मैं 16 जनवरी को ही अयोध्या पहुंच जाउंगी और 26 जनवरी तक वहीं मौजूद रहूंगी।

पुलिस की गोलीबारी में गई थी जान
मूलरूप से कोलकाता के रहने वाले शरद कुमार कोठारी और रामकुमार कोठारी सगे भाई थे। 30 अक्टूबर 1990 को जिस दिन कारसेवकों पर गोली चलाई गई थी, ये दोनों भाई भी अयोध्या में थे। वे बाबरी मस्जिद पर चढ़ने वाले पहले कारसेवक थे। उन्होंने वहां पर भगवा झंडा फहरा दिया था। बाद में मिलिट्री फोर्सेज ने उन्हें वहां से उतार दिया। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में दोनों भाई पुलिस की गोलियों का शिकार हो गए। दोनों की मौत हो गई थी।

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