गाजियाबाद। आधे रेट में नकली करेंसी देने के झांसे में लेकर लोगों से ठगी करने वाले गैंग का पुलिस ने खुलासा किया है। पांच सदस्यीय यह गैंग नेपाल से नकली करेंसी लाकर देने का झांसा देता था और बदले में आधे रुपये लेता था। हालांकि उस फेक करेंसी में भी नोट की जगह कागज लगे होते थे। आरोपियों के पास से नेपाल के सिमकार्ड भी बरामद हुए हैं।
पुलिस के मुताबिक चार जनवरी को सतेंद्र त्यागी निवासी सेवानगर ने थाना नंदग्राम पर धोखाधड़ी कर चार लाख रुपए हड़पने का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए कई टीमों का गठन किया। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई। सर्विलांस और लोकल इनपुट के आधार पर आखिरकार पुलिस ने शुक्रवार को इस केस में पांच आरोपी दबोच लिए। पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम लोकेश उर्फ अनिकेत निवासी मध्यप्रदेश, सचिन निवासी मैनपुरी, देवराज बंसल निवासी देहरादून और गौरव उर्फ राहुल उर्फ अनुराग निवासी बुलंदशहर के रूप में हुई। इनके अलावा एक महिला भी शामिल है। सभी आरोपी फिलहाल गाजियाबाद और दिल्ली में रह रहे थे। इनसे पुलिस ने 2 लाख 35 हजार रुपए, पांच सौ के नोटों की नकली गड्डी, तीन नकली आधार कार्ड, आई ट्वेंटी कार, तीन फर्जी नंबर प्लेट, 11 मोबाइल और नेपाल के दो सिम कार्ड बरामद किए हैं। सचिन और लोकेश के खिलाफ गाजियाबाद और झांसी में फ्रॉड का एक-एक मुकदमा दर्ज है। लोकेश पर दिल्ली में एक रेप का भी मुकदमा चल रहा है।
नोट की गड्डी में कागज
पूछताछ में आरोपियों ने बताया, हम लोगों को पैसा डबल करने का लालच देते थे। गैंग का मेंबर गौरव सिंह उर्फ राहुल ऐसे लोगों को ढूंढकर लाता था। इसके बाद ये गैंग बताता था कि हम नेपाल से नोट लेकर आते हैं और सप्लाई करते हैं। लोगों को यकीन हो जाए, इसलिए गैंग मेंबर नेपाली मोबाइल नंबर पर कॉल करके बातचीत करते थे। इसके बाद ये गैंग कस्टमर से कुछ पैसा लेकर उसको नकली नोटों की ज्यादा गड्डियां थमा देते थे। इसमें ऊपर और नीचे का नोट 500 का असली होता था, जबकि बीच में सफेद कागज की गड्डियां लगी होती थीं। ये गैंग अपने साथ महिला को इसलिए रखता है, ताकि लोगों को बहुत ज्यादा शक न हो।
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