भारत अगले 25 वर्षों के लक्ष्य पर काम कर रहा:पीएम

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गुजरात। गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में चल रहे वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का उद्घाटन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। ग्लोबल समिट में सम्मेलन में 34 देश और 16 संगठन शामिल हुए। ग्लोबल सबमिट में विदेशी मेहमानों का भी जोरदार स्वागत किया गया। यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री पेट्र फियाला, मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्यूसी, तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्टा भी शामिल हुए।

वाइब्रेंट गुजरात समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे हुए हैं और अब भारत अगले 25 वर्षों के लक्ष्य पर काम कर रहा है। जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा तब तक हमने भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। यह 25 साल का कार्यकाल भारत का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में यह पहली वाइब्रेंट गुजरात समिट हो रही है। इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है। यूएई के राष्ट्रपति का इस आयोजन में शामिल होना हमारे लिए बहुत खुशी की बात है। वाइब्रेंट गुजरात समिट में उनका यहां मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होना भारत और यूएई के दिनों-दिन मजबूत होते आत्मीय संबंधों का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले ही वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को 20 वर्ष पूरे हुए हैं। बीते 20 वर्षों में इस समिट ने नए विचारों को प्लेटफॉर्म दिया है। इसने निवेश और रिटर्न के लिए नए गेटवे बनाए हैं। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की इस बार की थीम है- गेटवे टू द फ्यूचर, 21वीं सदी की दुनिया का भविष्य हमारे साझे प्रयासों से ही उज्ज्वल बनेगा। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत विश्व मित्र की भूमिका में आगे बढ़ रहा है। आज भारत ने विश्व को यह भरोसा दिया है कि हम साझा लक्ष्य तय कर सकते हैं, अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। विश्व कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता, भारत की निष्ठा, भारत के प्रयास और भारत का परिश्रम आज की दुनिया को ज्यादा सुरक्षित और समृद्ध बना रहा है।

भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। 10 साल पहले भारत 11वें स्थान पर था। आज सभी प्रमुख एजेंसियों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा। दुनिया भर के लोगों को अपना विश्लेषण करने दीजिए, लेकिन यह मेरी गारंटी है कि ऐसा होगा।

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