यूनिवर्सिटी का छात्र कर रहा था नशा तस्करी, पांच गिरफ्तार

नोएडा। जिले में थाना सेक्टर-126 पुलिस ने नशीले मादक पदार्थ सप्लाई करने वाले रैकेट का पर्दाफाश कर यूनिवर्सिटी के छात्र सहित पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से करीब 10-12 लाख रुपए कीमत का विदेशी गांजा, सात मोबाइल,
डिलीवरी में प्रयोग की जाने वाली बाइक व स्कूटी भी बरामद की है।

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त चेतन, सागर, नितांत सचिन व हर्ष को मुखबिर व मोबाइल इंटेलिजेंस के माध्यम से एमिटी यूनिवर्सिटी कट से गिरफ्तार किया। पुलिस ने जब इन लोगों की तलाशी नहीं तो उनके पास से विदेशी गांजे, चरस और मोबाइल फोन स्कूटी व बाइक बरामद की। पूछताछ में पकड़े गए अभियुक्तों ने बताया कि इन लोगों ने नोएडा में एक कमरा किराए पर लेकर गंजे की सप्लाई करने के लिए पूड़ियां पाक की जाती थी। इन लोगों के साथ कमरे पर अनित सोम व चिंटू इन लोगों का साथ देते थे। इन पांचो लोगों के गिरफ्तार होने की खबर मिलते ही चिंटू और अनित फरार हो गया है।जिनकी तलाश की जा रही है। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के मोबाइल फोन में लोगों को सप्लाई करने वाली व्हाट्सएप चौट भी मिली है कुछ चौट को आरोपियों द्वारा डिलीट किया गया है उन्हें रिकवर करके पड़ताल की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस नशा तस्करी गैंग में कई या मौजूदा व पूर्व स्टूडेंट शामिल हैं। मादक पदार्थों की तस्करी करने के लिए इन लोगों ने खुद के बाइक राइडर रखे थे। ताकि पुलिस को उनकी भनक न लगे।

90 हजार रुपए किलो है गांजा
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि विदेशी व्ळ गंजे की कीमत मार्केट में 90 हजार प्रति किलो बताई जा रही है। इन लोगों के पास से गांजे के अलावा चरस व अन्य मादक पदार्थ बरामद किए गए है। यह तस्कर छात्रों को डिमांड के अनुसार उन्हें नशीले पदार्थों की तस्करी करते थे। नशा तस्कर नशीली पदार्थ की सप्लाई करने के लिए एक ऐप का भी इस्तेमाल करते थे।

कंपनियों के रैपर लगाकर करते थे तस्करी
अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मीशो जैसे तमाम बड़े ऑनलाइन बिजनेस वेबसाइट के नाम से नशीले पदार्थों की तस्करी यह अभियुक्त करते थे। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि यह पांचवा अभियुक्तों ने यह भी कबूल किया है कि जब इन्हें व्हाट्सएप पर गांजा तस्करी की डिमांड आई थी तो यह या तो अमेजॉन, फ्लिपकार्ट,मीशो,स्नैपडील जैसी तमाम वेबसाइटों के रैपर लगाकर कॉलेज में छात्रों को नशीले पदार्थ सप्लाई करते थे। नशीले पदार्थों की सप्लाई करने पर मार्केटिंग वेबसाइट की रैपर लगाने के पीछे वजह यह थी कि इन पर कोई शक न कर सके।

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