मेरठ में किसान ने किया आत्मदाह का प्रयास, विरोधियों ने सरकार को घेरा

मेरठ। जिले के मवाना में एसडीएम कार्यालय के सामने एक किसान ने आत्मदाह करने का प्रयास किया। गंभीर रूप से झुलसे किसान को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां किसान का इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने बताया कि किसान 70 प्रतिशत तक झुलसा बताया जा रहा है। डीएम ने प्रकरण की जांच कर कर 24 घंटे में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। किसान के आग लगाने पर सपा व कांग्रेस ने सरकार को घेरा है।

अलीपुर मोरना गांव के पास वन विभाग की करीब तीन हेक्टेयर जमीन पर कई सालों से ग्रामीणों का अवैध कब्जा था। जिस पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए भूमि को अपने कब्जे में ले लिया। जिसके बाद अलीपुर मोरना गांव के रहने वाले किसान जगबीर के जमीन को अपना बताते हुए कार्यवाही की मांग की लेकिन लगातार शिकायत करने के बाद कार्यवाही नहीं है। तब जगबीर किसान ने तहसील में आत्मदाह का प्रयास किया।जिसकी वजह से वह गंभीर रूप से झुलस गया ।जिससे उसे अस्पताल में भर्ती कराए गए जहां उसका उपचार चल रहा है। मामले में मेरठ के दीपक मीणा ज़िलाधिकारी ने बताता कि एक व्यक्ति गांव अलीपुर मोर्ना का रहने वाला है। उसका कहना था कि उसकी ज़मीन को जबरन वन विभाग ने ले लिया है। उनकी जेब में प्रार्थना पत्र भी मिला। मामले में पाया गया कि वन विभाग ने ज़मीन को कब्ज़ा मुक्त कराया था। व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, हालत गंभीर है। उसका उपचार चल रहा है। डीएम ने बताया कि मामले की जांच एडीएम प्रशासन अमित कुमार और एसपी देहात कमलेश बहादुर जांच कर रहे हैं।

बीजेपी शासन में न्याय नहीं
किसान के मेरठ में आत्मदाह के प्रयास को लेकर कांग्रेस पार्टी ने ट्विटर पर पोस्ट कर सरकार जमकर निशाना साधा कांग्रेस ने लिखा है कि बीजेपी में न्याय नहीं मिल रहा। यूपी में एक किसान का वन विभाग से जमीन को लेकर विवाद है। पिछले कई दिनों से किसान न्याय के लिए सरकारी दफ़्तरों के चक्कर काट रहा था, लेकिन यूपी की बीजेपी सरकार में न्याय न मिल सका। आज निराश होकर किसान ने एसडीएम ऑफिस के बाहर खुद को आग लगा ली ये सरकार के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है।

अमृतकाल की दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीर
मेरठ की घटना को सपा प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ट्विटर के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला उन्होंने लिखा है कि उप्र में भाजपा के तथाकथित अमृतकाल की इससे दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीर और क्या हो सकती है कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाला किसान आज अपनी ज़मीन को बचाने के लिए ख़ुद को आग लगाने पर मजबूर हो रहा है। मेरठ में वन विभाग द्वारा अपनी ज़मीन हड़पे जाने के बाद कई बार कोशिश करने पर भी सुनवाई न होने से हताश होकर ख़ुद को आग लगाने वाले किसान को सबसे पहले अच्छे से अच्छा इलाज सुनिश्चित कर बचाया जाए और फिर उसकी ज़मीन लौटाई जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा खेती और किसान दोनों की विरोधी है।

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