गाजियाबाद: थाने में महिला ने की आत्मदाह की कोशिश, छेड़छाड़ से थी तंग

गाजियाबाद। महिला ने थाने में खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। आत्मदाह के प्रयास की यह वारदात लोनी बार्डर थाने में हुई। पुलिसकर्मियों ने बमुश्किल कंबल डालकर आग पर काबू पाया। वहीं बुरी तरह झुलसी महिला को गुरु तेगबहादुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोप है कि छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजने के बजाय खानापूरी की।

थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी के रहने वाले 28 वर्षीय युवक ने बताया कि पड़ोसी रोबिन उनकी पत्नी से छेड़छाड़ करता है। उनके सामने ही कई बार उसने गंदे इशारे किए। पत्नी ने इसकी शिकायत रोबिन के मामा रामपाल से की। इसके बाद भी उसने छेड़छाड़ बंद नहीं की। 13 दिसंबर को जब वह दूध लेकर घर जा रहीं थीं, तब भी उसने अश्लील हरकत की। महिला ने बताया कि उन्होंने इसकी जानकारी पति को दी। पति भी रामपाल के पास पहुंचे। आरोप है कि रामपाल ने कह दिया कि कॉलोनी छोड़कर कहीं और चले जाओ, वहां पत्नी सुरक्षित रहेगी। पति का कहना है कि रामपाल ने कुछ लोगों को बुलाकर उनकी पिटाई करवाई। पत्नी बचाव के लिए पहुंची तो उसे भी पीटा। पत्नी के हाथ की हड्डी टूट गई और गर्भपात भी हो गया। उन्होंने इसकी तहरीर थाने में दी लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया। इस पर वे पुलिस आयुक्त से मिले। तब जाकर रिपोर्ट दर्ज की गई। महिला के पति का कहना है कि 25 दिसंबर को एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने शांति भंग में चालान काटकर खानापूरी कर ली। आरोपी खुले घूम रहे हैं।

कई दिन से पुलिस लगवा रही थी चक्कर
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि महिला का पति कई दिन से चक्कर काट रहा था। पुलिस कार्रवाई का आश्वासन दे रही थी लेकिन कार्रवाई कर नहीं रही थी। सोमवार को उन्होंने थाने पहुंचकर कहा, आखिर उनकी कभी सुनवाई होगी या नहीं। पुलिसवाले फिर से जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन देने लगे। इस पर उन्होंने पेट्रोल डाला और आग लगा ली। वह पेट्रोल घर से लेकर आए थे। आग लगते ही पुलिसवाले दौड़े दौड़े गए और कंबल लेकर आए। तुरंत ही कंबल डालकर आग बुझाने का प्रयास किया गया। लेकिन, इससे पहले ही वह बुरी तरह से झुलस गए। पुलिस ने ही उन्हें अस्पताल भेजकर भर्ती कराया।

बयान दर्ज नहीं हो पाए
पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने रामपाल, रॉबिन, कार्तिक, रेखा, कुक्की और अज्ञात के खिलाफ धारा छेड़छाड़, बलवा, मारपीट और धमकी देने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। इन धाराओं में पांच साल से कम सजा का प्रावधान होने की वजह से आरोपियों के खिलाफ शांति भंग में कार्रवाई की थी। महिला के कोर्ट में बयान दर्ज होने थे। कोर्ट बंद होने के कारण महिला के बयान दर्ज नहीं हो पाए थे। – रवि प्रकाश सिंह, एसीपी

Exit mobile version