गाजियाबाद: हड़ताल पर ड्राइवर, रोडवेज समेत ट्रांसपोर्ट व्यवस्थाएं ध्वस्त

गाजियाबाद। ड्राइविंग को लेकर बनाए गए नए कानून के विरोध में पब्लिक ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के बाद आम जनता को खासी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है। तमाम बस ड्राइवर, ऑटो ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं। जगह-जगह जनता परेशान है। किसी को अपने घर जाना है तो किसी को अपने ऑफिस। वहीं सेवाएं ठप होने के कारण लोग जहां के तहां रुके हुए हैं।

एआरएम एन के गुप्ता ने बताया कि 28 बस सुबह 9 बजे तक निकल जाती है। लेकिन काफी अनुरोध के बाद भी एक ही बस निकली है। ड्राइवरों से बात की जा रही है। कोशिश है कि जल्द ही हड़ताल खत्म करवा दी जाएगी। एक बार फिर बसों का संचालन शुरू किया जाएगा। गाजियाबाद डिपो से बस चलाने वाले अनिल बताते है कि ये काला कानून है। हमारी सेलरी 15 हजार है, 5 लाख का जुर्माना कैसे देंगे। इसीलिए बस संचालन ठप किया गया है। बस अड्डे पर तमाम बस सेवा बंद है। हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा का प्रावधान किया है। जिसके विरोध में तमाम बस और ऑटो चालकों ने हड़ताल कर दी है। उनका कहना है की इस तरह के कानून ड्राइवरों के हित में नहीं है।

सड़क पर चलेंगे तो हादसे भी होंगे
गाजियाबाद में ऑटो यूनियन के महानगर अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि हड़ताल सरकार ने जो नया नियम लागू किया है। ड्राइवर के लिए उसके विरोध में है। ड्राइवर इस कानून से सहमत नहीं है। सड़क पर चलने के दौरान हादसे भी होते हैं।

लंबी दूरी पर जाने को तरसे
वहीं प्रमोद वर्मा नाम के यात्री को बदायूं जाना था। वह अपनी रिश्तेदारी में ठहरे हुए हैं। उन्होंने बताया कि हड़ताल होने के बाद पब्लिक बहुत परेशान है। जो ऑटो चालक ऑटो चला रहे हैं, वो दोगुने पैसों की मांग कर रहे हैं। वहीं लंबी दूरी पर जाने के लिए संसाधन नहीं हैं।

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