गाजियाबाद। जिले में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद वायरस फैलने की दहशत बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है और चार अस्पतालों में टेस्टिंग शुरू करा दी गई है। वहीं दो अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने के लिए वार्ड भी तैयार किए जा चुके हैं।
पिछले दिनों गाजियाबाद में कोरोना के तीन केस सामने आए थे। इसमें एक भाजपा पार्षद और उनकी मां शामिल थीं। तीनों मरीज होम आइसोलेट हैं। कोरोना के नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए तीनों मरीजों के सैंपल जिनोम सिक्वेंसिंग जांच के लिए दिल्ली की लैब में भेजे गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इसकी रिपोर्ट आने में करीब 10 दिन का वक्त लग जाता है। स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता ने बताया, अभी तक गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में ही रोजाना करीब 60-70 लोगों की कोरोना जांच हो रही थी। अब एमएमजी के अलावा संयुक्त अस्पताल संजयनगर, महिला जिला अस्पताल और लोनी क्षेत्र स्थित सामुदायिक अस्पताल पर भी कोविड सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि फिलहाल उन्हीं लोगों की कोरोना जांच हो रही है, जिसके लिए डॉक्टर सलाह दे रहे हैं। इसके अलावा संजयनगर के संयुक्त अस्पताल में 6-6 बेड के दो वार्ड अब कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। ये वार्ड पहले से बने हुए थे, लेकिन कोरोना के मामले नहीं आने से इन्हें दूसरे कार्यों में प्रयुक्त किया जा रहा था। अब कोरोना के मरीज आते हैं तो उन्हें इन वार्डों में एडमिट किया जाएगा।
गाजियाबाद-नोएडा में ज्यादा दहशत
डॉक्टरों का मानना है कि गाजियाबाद और नोएडा देश की राजधानी दिल्ली से एकदम सटे हुए हैं। दोनों शहरों से हर रोज लाखों लोग दिल्ली आते-जाते हैं। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय ट्रैफिक का हब है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस फैलता है तो इसकी शुरुआत गाजियाबाद और नोएडा से ही होती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। कई महीने बाद उत्तर प्रदेश में कोरोना की वापसी हुई तो पहला केस गाजियाबाद में ही निकला।