निवेश के नाम पर एक ही परिवार के चार लोगों से 84 लाख की ठगी

नोएडा। साइबर ठगों द्वारा शेयर बाजार में निवेश कर अच्छी इनकम करने के नाम पर एक ही परिवार के चार लोगों से 84 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। साइबर ठग आए दिन लोगों को अपने झांसे में लेकर लाखों और करोड़ों रुपए की ठगी करते हैं। पुलिस लगातार लोगों को साइबर ठगों के प्रति जागरूक करती है। इसके बाद भी लोग शिकार हो जाते हैं।

नोएडा के सेक्टर-50 के रहने वाले संजय शर्मा ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराकर बताया कि फेसबुक पर शेयर बाजार में निवेश से लेकर अन्य बिजनेस के बारे में जानकारी दी गई थी। ठगों ने संजय ने फेसबुक पेज पर दिए गए लिंक पर क्लिक कर व्हाट्स एप ग्रुप पर जुड़ने के लिए कहा था। संजय ने बताया जिस व्हाट्स ग्रुप में वह जुड़े थे उसका नाम ट्रिजर बाउल क्लब 23 था। ग्रुप को ठगों द्वारा क्लाउट चेन वर्ड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड का बताया गया था। साइबर ठगों ने संजय शर्मा के फोन में अपनी कंपनी का क्लाउड चेन एप डाउनलोड कराकर 13.50 लाख रुपये का निवेश कराया। निवेश की गई रकम कथित रूप से दोगुना भी हो गई। संजय ने इस रकम को निकालने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं निकाल पाए और संजय से और रुपए निवेश करने की बात कही। संजय लगातार साइबर ठगों के जाल में फंसकर रुपए इन्वेस्ट करते चले गए। लगातार पैसे डबल होने पर संजय ने अपने पत्नी और दोनों बेटों को भी ग्रुप में जोड़कर पैसे इन्वेस्ट कर दिए। जब उन्होंने अपने रुपए निकालने का प्रयास किया तो साइबर ठगों ने उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव मार दिया। इसके बाद उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की।

लगातार डबल हो रही थी रकम
साइबर ठगों के झांसे में आकर संजय शर्मा ने अपनी पत्नी और दोनों बेटों के साथ 84 लाख रुपए इन्वेस्ट कर दिए। क्योंकि संजय को लगातार ठग उनके द्वारा लगाए गए। रुपए डबल करके वेबसाइट पर दिख रहे थे। जब उन्होंने रुपए निकालने का प्रयास किया तो उन्हें ग्रुप से रिमूव करके बाहर कर दिया गया और साइबर ठगों ने 84 लाख रुपए की ठगी कर ली। पुलिस ने पूरे मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहीं घटनाएं
पुलिस दिल्ली एनसीआर के लोगों को लगातार जागरूक करती है। इसके बाद भी वह साइबर ठगों के बहकावे में आकर अपनी कमाई गवा बैठे हैं, जब ठगी के शिकार होने का पता चलता है तब तक वह उनकी मोटी कमाई लेकर फरार हो चुके होते हैं। बाद में सिर्फ पुलिस जांच पड़ताल के नाम पर खानापूर्ति करती रहती है। पुलिस लगातार लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करती है। इसके बाद भी लोगों को पुलिस की बात समझ में नहीं आता जिससे वह ठगी का शिकार हो जाते हैं।

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